विकास कुमार।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सबको अपनी बात कहने का अधिकार है लेकिन हरिद्वार नगर निगम की मेयर अनीता शर्मा और इसके अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते है। आलम ये है कि नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग करने वाले व्यापारी नेता सुनील सेठी के घर के बाहर कचरा फिकवा दिया गया। इतना ही नहीं सुनील सेठी को सरेआम माफी मांगने पर मजबूर किया गया। तब जाकर उनके घर के बाहर से कचरा उठाया गया।
वहीं इस मामले में सीधा आरोप मेयर अनीता शर्मा और मुख्य नगर अधिकारी दयानंद सरस्वती पर लग रहा है। लेकिन बडा सवाल ये है कि क्या लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकारी किसी को नहीं है और क्यिा नगर निगम हरिद्वार संविधान और कानून से उपर हो गया। अगर कोई बात निगम को पसंद नहीं आएगी तो उनके घर कचरा फिंकवा दिया जाएगा।

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सेठी से पहले ये नेता भी उठा चुके हैं सवाल
असल में नगर निगम हरिद्वार को देश में गंगा के किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ शहरों का ईनाम मिला है। इस पर कई लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। सुनील सेठी ने भी ऐसा ही किया, लेकिन वो अकेले ऐसा नेता नहीं है। इससे पहले पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी भी सवाल उठा चुके हैं। जिस समय स्वच्छता सर्वेक्षण का सर्वे चल रहा था कि सतपाल ब्रह्मचारी ने सरेआम निगम पर फर्जी सर्वे करने का आरोप लगाया था। यही नहीं निगम ने जबरन लोगों से ओटीपी और उनके नंबर लेकर अपने मनमाफिक सर्वे कराया। जिस पर तब सवाल खडे हुए। वहीं शहर की सफाई व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। प्राइवेट कंपनी के जरिए निगम करोडों रुपए सफाई पर खर्च कर रहा है लेकिन हालात क्या हैं ये सब जानते हैं। लेकिन अब निगम को अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं है अगर कोई बोलेगा तो उसके घर कचरा फिंकवा दिया जाएगा। बहरहाल इस कुकृत्य की हर कोई निंदा कर रहा है।
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क्या बोले मेयर अनीता शर्मा
मेयर अनीता शर्मा और उनके पति अशोक शर्मा ने बताया कि मुझे कचरा फेंके जाने की खबर नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए था और कर्मचारियों से बात कर इसकी जानकारी जुटाई जाएगी कि ऐसा क्यों हुआ। लेकिन सुनील सेठी को भी सोचना चाहिए कि निगम को इतना बडा ईनाम मिला है तो संयम बरतना चाहिए था।
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भाजपा नेता ने की निंदा
वहीं भाजपा नेता विकास तिवारी ने बताया कि लोकतंत्र में अपनी बात मर्यादा में रहकर कहने का अधिकार सभी को है। निगम को किसी के घर के बाहर कचरा फिंकवाने का अधिकार नहीं है। ऐसा हुआ है तो ये बहुत ही निंदनीय कार्य है।
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