नारे लगाते रहे गए जुम्मन मियां, प्रियंका ने हल्द्वानी का जिक्र नहीं किया, अल्पसंख्यकों पर बोली तक नहीं

नारे लगाते रहे गए जुम्मन मियां, प्रियंका ने हल्द्वानी का जिक्र तक नहीं किया, अल्पसंख्यकों पर नहीं बोली


कॉंग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी ने शनिवार को हरिद्वार के रुड़की में कॉंग्रेस की रैली को संबोधित किया। हालांकि प्रियंका गांधी के भाषण में कुछ भी नया नहीं था। लेकिन सबसे ज्यादा निराश जुम्मन मियां यानी मुस्लिम समाज के वोटर हुए जो रैली में भीड़ जुटाने के लिए लाए गए थे।

जुम्मन मियां को इंतजार था कि हल्द्वानी के मुद्दे पर प्रियंका गांधी बोलेगी और शायद उनके बोलने से हरीश रावत भी अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर मुंह खोल पाएंगे, जो अभी तक उनसे दूरी बनाए हुए हैं। लेकिन प्रियंका गांधी ने ना तो हल्द्वानी और ना ही अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर कोई बात की। बेचारा जुम्मन पूरे प्रियंगा गांधी के पूरे भाषण में नारे लगाता रह गया।

अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर क्यों बात नहीं कर रहे हैं कॉंग्रेसी
हरिद्वार में अल्पसंख्यक समुदाय के करीब पांच लाख वोट हैं इनमें मुस्लिम समाज के अधिकतर वोट हैं। कॉंग्रेस हमेशा से अल्पसंख्यकों के वोटों को अपने पाले में पानती आई है। लेकिन, इनके मुद्दों पर एक शब्द बोलने को राजी नहीं है। हरिद्वार से कॉंग्रेस प्रत्याशी विरेंद्र रावत और उनके पिता हरीश रावत भी अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर बोलते हुए कतराते हैं, उन्हें डर है कि कहीं दूसरे लोग नाराज ना हो जाए। यही नहीं मुस्लिम नेताओं को अपने साथ लगाने और मंच पर बिठाने तक से कतराते हैं।


फिर भी जुम्मन​ मियां प्रियंका गांधी की रैली में लाया गया या पहुंचा, उसे उम्मीद थी कि प्रियंका गांधी शायद उनके मुद्दों पर बात करेंगी, वो हल्द्वानी में जो कुछ हुआ उसका जिक्र अपने भाषण में करेंगी। लेकिन प्रियंका गांधी ने इन पर बात नहीं की। यहां तक कि अल्पसंख्यकों के मुद्दों का कोई जिक्र तक नहीं किया। बेचारा जुम्मन जबरदस्ती भाषण में नारे लगाता रहा।

जुम्मन मियां

नारे लगाते रहे गए जुम्मन मियां, प्रियंका ने हल्द्वानी का जिक्र नहीं किया, अल्पसंख्यकों पर बोली तक नहीं
नारे लगाते रहे गए जुम्मन मियां, प्रियंका ने हल्द्वानी का जिक्र नहीं किया, अल्पसंख्यकों पर बोली तक नहीं

जो अब नहीं बोल रहा वो बाद में क्या बोलेगा
मुस्लिम सेवा संगठन के जिलाध्यक्ष अतहर अंसारी ने बताया कि कॉंग्रेस लगातार मुसलमानों को दरकिनार कर रही है। इन्हें सिर्फ मुसलमानों के वोट चाहिए। लेकिन जब मुसलमानों की समस्याओं और मुद्दों पर खडे होने की बात होती है तो ये दूरी बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि जो अब अल्पसंख्यकों के मसलों पर नहीं बोल रहा, वो बाद में क्या बोलेगा। प्रियंका गांधी का भाषण निराश करने वाला था।

किन मुद्दों पर बात की प्रियंका गांधी ने
प्रियंका गांधी ने आधे घंटे से अधिक के अपने भाषण में महंगाई, बेरोजगार, अडानी, अंबानी की बेटे की शादी, इलेक्टोरल बॉंड, अंकिता भंडारी, किसानों की समस्याएं, पलायन और अपने परिवार की कुर्बानी आदि की बात की। हालांकि प्रियंका गांधी के भाषण में वो जोश नहीं दिखा। भाषा के नजरिए से भी प्रियंका गांधी ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रही थी जो आम सुनने वाले के सर से उपर जा रहे थे।​

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