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केआरएल के कचरा घोटाले पर परदा डालने की तैयारी, कुंभ बजट से धुलेंगे केआरएल के पाप

रतनमणी डोभाल।
धर्मनगरी हरिद्वार के कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने में असफल रही रहस्मयी कंपनी केआरएल के पापों को धोने का काम अब कुंभ बजट से करने की तैयारी की जा रही है। केआरएल को घर—घर जाकर सूखा और गीला कचरा अलग—अलग एकत्र करने और उसको सराय स्थित सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट प्लांट ले जाकर उसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के अब तक नगर निगम करोड़ों रुपए दे चुका है। लेकिन, इतने सालों में ना तो आज तक सूखा और गीला कचरा अलग हो पाया और ना ही कचरे का निस्तारण ही किया जा सका। ​बल्कि केआरएल ने नियमों को ताक पर रखकर सराय में कचरे बडे ढेर बना दिए जो कचरे के पहाड़ बनने की ओर अग्रसर हैं। और आस—पास रहने वालों के लिए नरक जैसी स्थिति हो रही है।
लेकिन सिस्टम का सबसे बड़ा कमाल देखिए, नगर निगम की सांठ—गांठ से बने केआरएल कंपनी के कचरा सेठों से जुर्माना वसूले जाने के बजाए, उनके पापों पर धोने की योजना तैयार की जा चुकी है।

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क्या है नगर निगम का प्रस्ताव
असल में सराय में सॉलिड वेस्ट प्लांट तो केआएल चलाने में नाकाम साबित हुई और जो लाखों टन कचरा वहां जमा है, अब उसके निस्तारण के​ लिए न​गर निगम ने कुंभ बजट से प्रस्ताव ​तैयार किया है। इसके लिए नया टेंडर कर प्लांट लगाकर कचरे का निस्तारण किया जाएगा। इस पर करोड़ों रुपए का खर्च आएगा। जिसका प्रस्ताव मेला प्रशासन को भेज दिया गया है और मेला प्रशासन की ओर से सैंद्धातिक सहमति भी दी जा चुकी है और केंद्र से 84 करोड़ का बजट भी राज्य सरकार को कुंभ में कचरा प्रबंधन के लिए मिल चुका है। बस देरी हाई कमान से हरी झंडी मिलने की हो रही है। उसके मिलते ही केआरएल के पापों को धोने का काम शुरू हो जाएगा।

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क्या कहते हैं अधिकारी
नगर आयुक्त जयभारत का कहना है कि कूड़ा निस्तारण के लिए कुंभ मेला में भेजा गए प्रपोजल को शासन स्वीकृति मिल जाती है तो सराय में जमा कचरे का निस्तारण जनवरी से प्रोसिंग शुरू करा दिया जाएगा। इससे पता चलता है कि नगर निगम प्रशासन ने मान लिया है कि केआरएल कूड़ा निस्तारण नहीं कर सकता है। वह सिर्फ शहर से कूड़ा उठाकर सराय डालने का ही काम कर रहा हैं और उसके कचरे का निस्तारण भी नगर निगम को कराना पड़ेगा। इसके लिए कुंभ मेला से बजट मिल जाता है तो आउटसोर्सिंग के जरिए जमा कूड़े का निस्तारण करा दिया जाएगा। कूड़ा निस्तारण की समस्या कुंभ मेला प्रशासन की भी है इसलिए नगर निगम को करोड़ों रुपये मिलने की उम्मीद है।

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पूर्व पालिकाध्यक्ष नगर निगम पर बरसे
पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने केआरएल के कचरा घोटाले पर सीधे तौर पर नगर निगम के अफसरों और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक पर हल्ला बोला है। उन्होंने कहा कि केआरएल को करोड़ों रुपए सिर्फ कचरा उठाने के दिए जाते रहे हैं, जबकि नियमानुसार कचरा प्रबंधन नहीं किया गया है। क्या नगर निगम सिर्फ कचरा उठाने और सराय में फेंकने तक के पैसे केआरएल को देता आ रहा है। क्यों आज तक केआरएल की गलतियों पर नगर निगम के अफसर और प्रतिनिधि पर्दा डालते रहे हैं और क्यों शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक अब केआरएल के गलत कारनामों को छुपाने के लिए कु्ंभ बजट क्यों खर्च करना चाहते हैं। पूर मामले में घोटाले की बू आ रही है, इसकी जांच की जानी चाहिए।

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