man drowned in the ganga river

हरीश रावत के ‘पाप’ को त्रिवेंद्र सरकार ने धोया, हरकी पैडी पर गंगा वापस आई, क्या अब गिरेंगे अवैध निर्माण

रतनमणी डोभाल।
पूर्व सीएम हरीश रावत सरकार में एनजीटी के आदेशों के बाद निर्माणीधन होटल और व्यवसायिक इमारतों को राहत देने के लिए हरकी पैडी से बहने वाली गंगा की अविछिन्न धारा को स्कैप चैनल ‘नहर’ घोषित का शासनादेश वर्तमान की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने वापस ले लिया है। रविवार को अखाड़ा परिषद, श्री गंगा सभा और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक देहरादून में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले, जहां सरकार ने स्कैप चैनल संबंधित आदेश को वापस लेने की कागजी कार्रवाई पूरी कर दी। वहीं इसके बाद तीर्थ पुरोहितों और गंगा भक्तों में खुशी की लहर है। लेकिन बड़ा सवाल अभी भी ये है कि गंगा किनारे बन रहे होटल या बनने वाली व्यवसायिक इमारतों का क्या होगा, क्योंकि एनजीटी का साफ आदेश है कि गंगा के दौ सौ मीटर की परिधि में किसी प्रकार की निर्माण प्रतिबंधित है। गौरतलब है कि हरीश रावत ने खुद इस संबंध में खेद प्रकट किया था और सरकार से इस शासनादेश को निरस्त करने की बात कही थी।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में हरीश रावत नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने हरिद्वार में एनजीटी के सख्त आदेशों के बाद होटल व्यवसायी और व्यवसायिक निर्माण करने वाले भू—कारोबारी को बडी राहत देते हुए गंगा को स्कैप चैनल घोषित करते हुए एक शासनादेश जारी किया गया था। चूंकि, एनजीटी के आदेश के बाद ये सभी निर्माण रोक दिए गए थे और इससे करोडों का नुकसान होना था। लिहाजा हरिद्वार के भू कारोबारी सीधे सीएम से मिले थे और लंबी डील के बाद हरकी पैडी पर स्कैप चैनल का शासनादेश जारी हुआ था।
लेकिन, इससे तीर्थ पुरोहित नाराज थे, हालांकि तब कई तीर्थ पुरोहितों के भी होटल थे, जो इससे प्रभावित हो रहे थे। वहीं तीर्थ पुरोहितों का एक गुट पिछले 63 दिनों से स्केप चैनल के शासनादेश केा निरस्त कराने केा लेकर धरने पर बैठे थे और तीर्थ पुराहितों के इस गुट ने गंगा सभा के पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। वहीं अब शासनादेश वापस होने की खबर पर मुहर के बाद ये धरना जल्द ही खत्म हो सकता है। हालांकि धरने का नेतृत्व करने वाले तीर्थ पुरोहित सौरभ सिखौला ने कहा कि जब तक आदेश हम पढ नहीं लेते हैं तब तक धरना समाप्त करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
वही गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने के शासनादेश को हमारे सामने ही सीएम​ त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने फाइलों पर हस्ताक्षर किया है और हरीश रावत सरकार का शासनादेश अब पूरी तरह खत्म हो गया है।

Share News
error: Content is protected !!