विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
चुनाव जीतने के बाद विधायक अनुपमा रावत ने पथरी थाने में तहरीर दी है। अनुपमा रावत का आरोप है कि सोशल मीडिया पर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करते हुए उनका झूठा बयान सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने ये बयान दिया है कि वो सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं के वोटों से जीती है। उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि हम धार्मिक और जातिवादी राजनीति नहीं करते हैं। कांग्रेस सभी की पार्टी है और सभी समुदायों, जातियों और वर्गों के सहयोग से ही उनको जीत मिली है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की है। उधर, अनुपमा रावत ने इस संबंध में अपने कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर अपनी बात भी रखी और कहा कि उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
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दलित—मुस्लिम वोटों से जीती तो परहेज किस बात का
वहीं अनुपमा की जीत में दलित और मुसिलम मतदाताओं का अहम योगदान है। स्थानीय निवासी आरिफ अली ने बताया कि अनुपमा रावत जीत का श्रेय मुस्लिम और दलितों को देने से डर रही है। उनको अपनी छवि की चिंता है, जो सही भी हो सकता है। क्योंकि जुमे की नमाज और मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे मुद्दों से भाजपा धुव्रीकरण करने में कामयाब हुई है। लेकिन फिर भी जब मुस्लिम और दलितों ने वोट एकतरफा दिया है तो उन्हें श्रेय देने या उनका विशेष तौर पर धन्यवाद करने से डरना नहीं चाहिए।
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