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उत्तराखण्ड: दिशाहीन कांग्रेस ने भाजपा के लिए मैदान भी छोड़ा—पहाड़ भी


रतनमणी डोभाल।
भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हरिद्वार से अपने 120 दिन के देशव्यापी अभियान की शुरू किया है। 2022 में फिर से उत्तराखंड जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 उपलब्धियों को कंठस्थ करने का
मंत्र दिया है। नड्डा ने एक बार भाजपा एक बार कांग्रेस की परंपरा को भेदने के लिए पोलिंग बूथ जितने का मंत्र दिया है।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व हरिद्वार आकर संतों की चरण वंदना की थी। भाजपा को लोकसभा चुनाव में भारी सफलता मिली थी। अमित शाह की नकल करते हुए जेपी नड्डा ने संतों की चरण वंदना कर जैसा 2022 के विधानसभा चुनाव का आगाज तो किया है लेकिन वह अमित शाह के 2019 को विधानसभा चुनाव में दोहरा पाएंगे यह देखने वाली बात होगी।
उत्तराखंड में कांग्रेस ने भाजपा के लिए मैदान भी और पहाड़ भी खुला छोड़ रखा है। कांग्रेस आज जिस स्थिति में है अगर वह इससे बाहर निकलने का प्रयास नहीं करती है तो भाजपा को ज्यादा हाथ—पैर मारने की जरूर नहीं पड़ेगी। सीधे शब्दों में कहा जाए तो उत्तराखंड कांग्रेस पूरी तरह से दशा—दिशाविहीन है। वह न मैदान में चलती दिखाई दे रही है और ना पहाड़ चढ़ पा रही है। एक प्रकार से कांग्रेस ने भाजपा के लिए मैदान और पहाड़ दोनों खुले छोड़ रखें हैं। प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व अपनी राजनीतिक दशा—दिशा ही तय नहीं कर पा रहा है। भाजपा सरकार की असफलताओं के खिलाफ संगठित रूप से उसकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है। कुछ नेता अपने हिसाब से लोकल स्तर पर कुछ मुद्दों को लेकर सक्रिय होते हैं लेकिन पूरी कांग्रेस पार्टी कहीं नजर नहीं आती है।
उत्तराखंड में हरीश रावत ही बड़े कद्दावर राजनीतिक नेता हैं इसमें कोई दो राय नहीं हैं। लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस भाजपा से ज्यादा अपने ही नेता हरीश रावत से लड़ रही है। यही काम हरीश रावत ने नारायण दत्त तिवारी के साथ किया था। कांग्रेस का जिलों में संगठन नाम की चीज नहीं है जो थोड़े बहुत नेता बचे हैं उन्होंने कांग्रेस जेब में डाल रखी है। कांग्रेस के लिए कोई कुछ कर नहीं रहा है। न तो राज्य के मुद्दों पर उसने कोई प्रभावी कार्रवाई की है और ने राष्ट्रीय मृद्दों पर। हिंदू उसके साथ हैं नहीं और मुसलमानों से अपील करने में भी वह डरती है इसलिए कांग्रेस के पैरों तले की पूरी जमीन साफ हो गई है।

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