Congress MLA Anupama Rawat proves herself as politician

सदन से सड़क तक अनुपमा ने दिखाया कि वो लड़ सकती हैं, क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार

विकास कुमार।
उत्तराखण्ड विधानसभा पहुंचे नए विधायकों में सबसे ज्यादा अपेक्षाएं हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत को लेकर हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी होने और धामी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे स्वामी यतीश्वरानंद को हराने के बाद अनुपमा से क्षेत्र की जनता को ज्यादा उम्मीदें हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या अनुपमा जनता की इन उम्मीदों पर खरा उतरने की काबलियत रखती है, खासतौर पर तब जबकि स्वामी यतीश्वरानंद हारने के बाद भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के करीबी होने के चलते अपनी ताकत का एहसास करा रहे हैं। इस बारे में हमने वरिष्ठ पत्रकारों से बात की।

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अनुपमा रावत ने खुद को साबित किया है
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि अनुपमा रावत ने सदन से लेकर सड़क तक राजीनीतिक परिपक्वता दिखाई है। सत्र के दौरान कांग्रेस के विधायकों में से सबसे ज्यादा अनुपमा रावत चर्चा में रही। उन्होंने महंगाई और दूसरे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का काम किया। वहीं अपने विधानसभा क्षेत्र में परेशान जनता के लिए थाने के बाहर धरना देने में भी देर नहीं लगाई। वो जनता को बताने में ये कामयाब रही है कि भले ही कांग्रेस की सरकार ना हो लेकिन वो क्षेत्र की जनता के लिए लड़ सकती हैं।

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एक माह में सफल—असफल का फैसला नहीं हो सकता
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि एक माह के अल्पसमय में ना तो सरकार और ना ही ​किसी विधायक की सफलता और असफलता का फैसला हो सकता है। हां ये जरुर है कि बतौर विधायक अनुपमा रावत ने ये दर्शा दिया उनमें राजनीतिक समझबूझ हैं और वो क्षेत्र के विकास के लिए आवाज उठाने की ताकत रखती है। हरिद्वार के कांग्रेस विधायकों में अनुपमा रावत ज्यादा एक्टिव रही हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। हरिद्वार ग्रामीण में जिस तरह की परिस्थितियां बन रही हैं, उसमें अनुपमा रावत के लिए एक बड़ी संघर्षवादी नेता बनने की अपार संभावनाएं हैं।

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राजनीति में लंबी पारी खेलेंगी अनुपमा रावत
वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली ने बताया कि अनुपमा रावत ने विधानसभा सत्र के दौरान अपनी दमदार एंट्री की। युवा विधायकों में अनुपमा रावत राजनीति में लंबी पारी खेलने की काबलित लिए हुए हैं। हालांकि, उनके लिए आने वाला समय कम चुनौती वाला नहीं है लेकिन नायक वही होता है जो चुनौतियों और मुश्किलों की आग में तपकर निकलता है। वो जनता से मिल रही है, क्षेत्र में घूम रही हैं। एक दिन में 40—40 गांवों का दौरा कर रही है। इसके अलावा लॉ एंड आर्डर के लिए हरिद्वार में बसपा और निर्दलीय विधायको के साथ मजबूती से खड़ी हैं। बल्कि ये कहें कि जो विपक्षी विधायक मांग उठा रहे हैं उसे सबसे पहले अनुपमा रावत ने ही उठाई और धरने पर भी बैठी, अफसरों से भी मिली। अब विपक्ष का साथ मिलने से उन्हें मजबूती भी मिली है।

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