पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद
रतनमणी डोभाल।
क्या पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद मंगलौर विधानसभा सीट में उपचुनाव लडने की तैयारी कर रहे हैं और क्या उनकी मंगलौर में सक्रियता का यही कारण है या फिर लोकसभा चुनाव के लिए यतीश्वरानंद जनपद में सक्रिय हुए हैं। इस बारे में हमने वरिष्ठ पत्रकारों से उनकी राय ली। साथ ही उपचुनाव लडने की संभावनाओं पर खुद स्वामी यतीश्वरानंद क्या कहते हैं, नीचे तक पढें।
मंगलौर में स्वामी यतीश्वरानंद ने बढ़ाई सक्रियता
मंगलौर विधानसभा से बसपा के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद सीट खाली हो गई है और इस पर उपचुनाव होना है। भाजपा को इस सीट पर हमेशा से निराशा हाथ लगी है और मंगलौर में मुकाबला काजी निजामुद्दीन और हाजी सरवत करीम अंसारी के बीच रहा है। लेकिन, इस बार मंगलौर में भाजपा का खाता खोलने के लिए पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के चुनाव लडने की चर्चा आम है। स्वामी यतीश्वरानंद मंगलौर में जा भी रहे हैं और उनकी सक्रियता भी इस ओर इशारा कर रही है।
क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि चुनाव हो या उपचुनाव भाजपा के लिए मंगलौर जीतना आसान नहीं है। ये भी माना जा रहा है कि उपचुनाव में स्वामी यतीश्वरानंद आ सकते हैं। ऐसा होत है कि मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि सत्ता में होने का फायदा मिलता है और जनता भी सॉफ्ट रहती है।
वरिष्ठ पत्रकार जोगेंद्र मावी बताते हैं कि उपचुनाव में भाजपा की ओर से मजबूत चेहरा आता है तो पिछले रिकार्ड टूट सकते हैं। स्वामी यतीश्वरानंद की जहां तक बात है कि मंगलौर में उनके पुराने संपर्क है और उनके लिए अपनी राह बनाना इतना कठिन नहीं होगा। पंचायत चुनाव में उनकी भूमिका का भी लाभ मिल सकता है।
क्या कहते हैं स्वामी यतीश्वरानंद
पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि पार्टी जिसे भी कहेगी उसके लिए काम करेंगे। पार्टी के सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा। वहीं मंगलौर में सक्रियता बढाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा की जन कल्याणकारी नीतियों के प्रचार—प्रसार के लिए हर क्षेत्र में जाना होता है। इसमें मंगलौर हो या फिर लक्सर या शहरी क्षेत्र।