रतनमणी डोभाल/विकास कुमार।
छात्र राजनीति से भाजपा, कांग्रेस का सफर तय करते हुए गैंगस्टर और फिर प्रोपर्टी डीलर बने अमरदीप चौधरी की सिर्फ हत्या ही नहीं की गई बल्कि हत्यारोपियों ने गोलियां मारकर अपना गुस्सा निकाला। अमरदीप चौधरी को कुल चार गोलियां मारी गई। इनमें से दो गोलियां बरामद हो गई और दो गोलियां शरीर को भेदते हुए आर पा हो गई। हत्या करने के लिए देशी 315 बोर के तमंचे का प्रयोग हुआ है। Property dealer murder in Haridwar Amardeep Chaudhary
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कहां—कहां लगी गोलियां
अमरदीप चौधरी को सबसे पहले कमर में गोली मारी गई। इसके बाद एक गाली गले की ओर जो दिल की तरफ जाती है वहां मारी गई। हत्यारोपी पिता—पुत्र यहीं नहीं रुके उन्होंने अमरदीप की कनपटी से लगाकर गोली मारी, जो आर—पार हो गई। इसके बाद एक गोली सिर के उपर मारी गई वो भी सटाकर मारी जो आर—पार हो गई। पोस्टमार्ट में अमरदीप चौधरी के शरीर से दो गोलियां बरामद हुई है। गोली मारने का तरीका बता रहा है कि आरोपी सिर्फ हत्या के इरादे से नहीं आए थे बल्कि वो अमरदीप की हत्याकर अपना गुस्सा निकालना चाहते थे।
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प्रोपर्टी या कुछ ओर था विवाद का कारण
अमरदीप चौधरी को रविवार रात उनके घर पर गोली मारकर हत्या की गई। इस दौरान अमरदीप चौधरी के भाई बादल चौधरी और उनके साथी सोनू राठी को भी गोली लगी। दोनों खतरे से बाहर है। हालांकि सोनू राठी ने अपने इकबालिया बयान में बताया कि प्रोपर्टी को लेकर विवाद था और 50 हजार रुपए अमरदीप चौधरी ने राजकुमार मलिक को दिए। लेकिन तभी मलिक के दोनों बेटे अर्शदीप और मनदीप ने अमरदीप चौधरी को गोलियां से भून डाला। हालांकि ये भी बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मनमुटाव चला आ रहा था। जिसके कारण अमरदीप चौधरी की हत्या की गई।
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पुलिस ने पिता—पुत्रों को हिरासत में लिया, दो की तलाश
पुलिस ने फिलहाल आरोपी पिता पुत्रों राजकुमार मलिक और अर्शदीप व मनदीप को हिरासत में ले लिया है। दोनों मूलरूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वहीं अमरदीप चौधरी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में 2021 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर आधा दर्जन से अधिक गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज थे। हालांकि अमरदीप चौधरी ने वकालत भी पढी थी और राजनीति में भी सक्रियता थी।