मंसा देवी मंदिर पहाड़ी Harki Pauri Haridwar
रतनमणी डोभाल।
मंसा देवी मंदिर पहाड़ी से हो रही हैंड स्लाइडिंग की जद में आई करीब पचास हजार की आबादी को बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। इसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जिनके जरिए मंसा देवी पहाडी को बचाया जा सकता है। इस पर अब जिला प्रशासन काम करेगा वहीं दूसरी ओर टीम ने पहाडी के एरियल सर्वे किए जाने पर भी अपनी बात रखी है जो जल्द ही किया जाएगा।
वैज्ञानिकों ने क्या—क्या सुझाव दिए
भू—वैज्ञानिक डाॅ0 शान्तनू सरकार के निर्देशन में बनी टीम ने मंसा देवी मंदिर पहाडी के निरीक्षण के बाद बताया कि हिल बाईपास सड़क के किनारे स्थित अस्थिर ढलानों को स्थिरता प्रदान करने के लिए पानी की उचित निकासी की व्यवस्था के साथ ही सतह के उपचार के लिये रिटेनिंग दीवारों का निर्माण किया जाये। इसके साथ ही रिटेनिंग स्ट्रक्चर को पहाड़ी की तरफ के साथ- साथ घाटी की तरफ भी लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया है कि चूंकि, प्रभावित क्षेत्रों में पानी का प्रवेश एक बड़ी समस्या के रूप में पहचाना जाता है, इसलिए उचित जल निकासी के लिए साइट का अध्ययन किया जाना चाहिए तथा उसी अनुसार क्षेत्र में उचित सतही जल निकासी प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि उचित जल निकासी प्रणाली अपनाते हुए जगह-जगह चेक बांध बनाये जाने चाहिए ताकि ढलान से होते हुए जो मलबा शहर तक पहुँच रहा है, उसकी रोक- थाम हो सके। मंसा देवी मंदिर पहाड़ी
इसके अतिरिक्त जल निकासी के किनारे चेक बांधों का भी पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए , पुरानी नालियां जो क्षतिग्रस्त हैं और मलबे आदि से भरी हुई हैं, उनकी मरम्मत तथा सफाई की जानी चाहिए, ढलान पर जहाँ-जहाँ पर भी ढीली मिट्टी है, उसे तार की जाली की सहायता से मजबूत किया जाना चाहिएl टीम ने यह भी सुझाव दिया कि आगे के कटाव और फिसलन को रोकने के लिए मिट्टी के ढलान पर कटाव नियंत्रण चटाई बिछाना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। रेलवे ट्रैक के पास अस्थिर ढलान के संबंध में टीम ने सुझाव दिया है कि ढीले मलबे को ट्रैक तक पहुंचने की संभावना को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के पास अस्थिर ढलान पर आरसीसी रिटेनिंग दीवार बनाई जाये।