विकास कुमार/अतीक साबरी।
हरिद्वार के ज्वालापुर में सौ करोड से अधिक का घोटाला कर फरार होने वाले मुस्लिम फंड संचालक अब्दुल रज्जाक ने पूरी प्लानिंग से ज्वालापुर के आम लोगों को चूना लगाया है। अब्दुल रज्जाक अपनी अधिकतर संपत्ति भागने से पहले बेच या फिर इकरारनामा कर दिया। खास बात ये है कि संपत्ति भी उन्हें बेची गई जो प्रोपर्टी के कारोबार में अब्दुल रज्जाक के पार्टनर थे। लिहाजा, अब अपनी सफाई देने वाले पार्टनरों से ये सवाल तो बनता ही है कि आखिर इनके पास अकूत संपत्ति कहां से आ गई और क्या अब्दुल रज्जाक के भागने की जानकारी इन पार्टनरों को पहले से थी। अब पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है।
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सराय, ज्वालापुर में बेची अधिकतर संपत्ति
करीब 25 सालों से मुस्लिम फंड चलाकर पैसा एकत्र करने वाला अब्दुल रज्जाक आम लोगों के पैसे एकत्र कर प्रोपर्टी के धंधे में उतर गया। रज्जाक का फायदा उठाकर ज्वालापुर के कई रईस लोगों ने उससे दोस्ती की और पार्टनरशिप भी कर डाली। देखते ही देखते ये रईस करोडों में खेलने लगे। क्योंकि काले धन को सफेद करने का खेल अब तेजी से चल रहा था। लेकिन जब रज्जाक को नुकसान होना शुरु हुआ तो रज्जाक ने अपनी तमाम प्रोपर्टी को ठिकाने लगाना शुरु कर दिया। 2022 में रज्जाक ने सराय, हरिलोक, ज्वलाापुर स्थित अपनी अधिकतर संपत्ति बेच दी। खरीदने वालों में अधिकतर रज्जाक के पार्टनर ही थे जो अब खुद को पाक साफ बताने का प्रयास कर रहे है। आखिर ये सवाल उठता है कि क्या रज्जाक के भागने की इनको पहले से भनक थी और क्या रज्जाक इनके साथ प्लानिंग करे गरीब लोगों को ठग कर भागा है। हालांकि पुलिस संपत्ति को सीज करने का दावा कर रही है लेकिन जब संपत्ति बेच दी गई है या समझौता कर दिया गया है तो इसमें पुलिस के हाथ खाली ही है। हालांकि पुलिस इन पार्टनरों से ये जरुर पूछ सकती है कि आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आया।
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