MLA Umesh Kumar Trivednra Singh rawat Hariwar Loksabha seat त्रिवेंद्र सिह रावत के आने से उमेश कुमार की लोकप्रियता में इजाफा, दिलचस्प हुआ मुकाबला

त्रिवेंद्र सिह रावत के आने से MLA Umesh Kumar की लोकप्रियता में उछाल, दिलचस्प हुआ मुकाबला


MLA Umesh Kumar Trivednra Singh rawat Hariwar Loksabha seat त्रिवेंद्र सिह रावत के आने से उमेश कुमार की लोकप्रियता में इजाफा, दिलचस्प हुआ मुकाबला

भाजपा ने हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद निर्दलीय चुनाव लडने की तैयारी कर रहे विधायक उमेश कुमार की लोकप्रियता में खासा इजाफा हुआ है। दोनों उम्मीदवारों की पुरानी अदावत हैं और अब चुनाव में दोनों आमने—सामने हैं। लेकिन वो क्या कारण है कि उमेश कुमार को त्रिवेंद्र सिंह रावत के आने से लोकप्रियता मिल रही है। आइये जानते हैं।

क्या त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वभाव हरिद्वार में फिट बैठ पाएगा
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वभाव और व्यवहार ऐसा नहीं है कि वो हरिद्वार के बहुआयामी और विभिन्नता व समस्याओं से भरी हरिद्वार लोकसभा सीट में आसानी से फिट बैठ जाए। डा. रमेश पोखरियाल निशंक का हरिद्वार में इतना विरोध इसलिए था क्योंकि जनता और कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि वो मिलते नहींं हैं। MLA Umesh Kumar

जबकि निशंक बातों के निपुण और व्यवहारिक नेता रहे हैं। ऐसे में ये समस्या त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने ​डा. निशंक से भी ज्यादा होगी। वहीं इसका फायदा भले ही कांग्रेस ना उठा पाए लेकिन उमेश कुमार भरपूर उठाने में कुशल हैं और वो इसकी संभावनाओं को देखते हुए पहले से हरिद्वार की बात करने लगे थे और हरिद्वार के लिए हरिद्वार का नेता का मुद्दा चला रहे हैं।

MLA Umesh Kumar

MLA Umesh Kumar Trivednra Singh rawat Hariwar Loksabha seat त्रिवेंद्र सिह रावत के आने से उमेश कुमार की लोकप्रियता में इजाफा, दिलचस्प हुआ मुकाबला
MLA Umesh Kumar Trivednra Singh rawat Hariwar Loksabha seat त्रिवेंद्र सिह रावत के आने से उमेश कुमार की लोकप्रियता में इजाफा, दिलचस्प हुआ मुकाबला

त्रिवेंद्र पौडी से तैयारी कर रहे थे भेज दिया हरिद्वार
वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहली प्राथमिकता पौडी लोकसभा सीट थी। लेकिन उन्हें हरिद्वार आना पडा। कारण जो ही रहे हो लेकिन हरिद्वार की 11 विधानसभा सीटों पर कम से कम उनके पास अपने लोगों की टीम नहीं है। डा. निशंक के पास दो बार सांसद होने के नाते ये टीम थी। भाजपा के स्थानीय नेता और संगठन के पदाधिकारी उनकी कितनी मदद कर पाते हैं या सिर्फ सब कुछ मोदी हवा पर ही निर्भर रहने वाला है। ये देखना दिलचस्प होगा।

उमेश कुमार को मिला आक्रामक होने का मौका
वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि उमेश कुमार और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की पुरानी अदावत हैं ये सब जानते हैं। ऐसे में उमेश कुमार को पुराने मामलों के लेकर आक्रामक होने का मौका मिल गया है। विधानसभा सत्र के दौरान भी उन्होंने सीधे ​त्रिवेंद्र सिंह रावत पर हल्ला बोला था। ऐसे में उनकी लोकप्रियता में इजाफा होना लाजिमी है। लेकिन क्या इसका फायदा वो अपना चुनाव बनाने में कर पाएंगे। ये भी बडा सवाल है।

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