ज्योति एस, दयालबाग। राधा स्वामी सत्संग दयालबाग ने उन कथित आरोपों का खंडन किया है जिसमें कथित तौर पर जमीन कब्जाने का आरोप है। सत्संग ने साफ किया कि उन्होंने किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया है और सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद है। सत्संग का ये भी दावा है कि कुछ असमाजिक और आपराधिक तत्व के लोग ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है।
सत्संग की ओर से कहा गया है कि दयालबाग़ क्षेत्र के यमुना किनारे बसे सिकन्दरपुर, लालगढ़ी, नगला तल्फी, खासपुर, मनोहरपुर, जगनपुर मुस्तकिल आदि गांव निवासी कुछ तथाकथित ग्रामीणों ने घरों के बाहर पोस्टर लगा रखें हैं कि “ये मकान बिकाऊ है।“
कुछ लोग आपराधिक तत्वों के नेतृत्व में राधा स्वामी सत्संग सभा को बदनाम करने के लिए अनर्गल, भ्रामक और प्रचार कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि ऐसे तत्व गंभीर धाराओं में मुजरिम है व पैरोल पर है। ऐसे तत्वों पर प्रशासन को गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए।
यहाँ ये उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी सत्संग सभा ने न तो कभी किसी की भूमि कब्जाई है और न ही किसी की भूमि पर अनुचित अधिकार जताया है। दयालबाग़ के पास जो भी भूमि है वह उसकी निजी सम्पत्ति है व उसकी अपनी खरीदी हुई है जिसके सब दस्तावेज राधा स्वामी सत्संग सभा के पास हैं। ये कहना भी अनुचित है कि दयालबाग़वासी ग्रामीणों का उत्पीड़न करते हैं अपितु राधा स्वामी सत्संग सभा तो ग्राम वासियों के लाभ के लिए कई प्रकार की सुविधायें जैसे प्रत्येक रविवार को बहुआयामी निःशुल्क चिकित्सा शिविर, ग्रामीण बच्चों के लिए कई शैक्षिक कार्यक्रम तथा खेलकूद निरन्तर चलाती है।
यही नहीं ग्रामीणों के बच्चे दयालबाग शिक्षण संस्थान में उच्च कोटि की शिक्षा नाम मात्र के शुल्क में प्राप्त करते हैं। इसके अतिरिक्त भी समय समय पर विभिन्न प्रकार की सहायता ग्रामवासियों को प्रदान की जाती है। राधा स्वामी सत्संग सभा, दयालबाग़ तो स्वयं ही शहरी तडक-भडक से दूर कृषि कार्य एवं पशुपालन करके एक उदाहरण पेश करता है। वर्तमान में दयालबाग़ की गौशाला में 1100 के लगभग गाय व भैसें हैं तथा अभी कुछ समय पूर्व बकरियां भी सम्मलित कर ली गईं हैं। इसी सम्बन्ध में अभी 7 दिन पूर्व 8 ऊंट भी राजस्थान से मंगाये गये हैं क्योंकि ऊंट का दूध मनुष्य के लिए बहुत ही पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है, इसमें वसा, प्रोटीन व विटामिन डी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है।
दयालबाग़वासी तो स्वयं ही ग्रामीणों के जैसे वातावरण में रहकर भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों की रक्षा के प्रति सजग एवं वचनबद्ध हैं। दयालबाग के प्रति ये सब अनर्गल व भ्रामक प्रचार कुछ स्वार्थी अपने स्वार्थ के लिए समय समय पर करके माहौल को खराब करने का प्रयास करते रहते हैं। शासन प्रशासन को उचित कार्यवाही करने के लिए तुरंत ध्यान देना चाहिए।