Haridwar Loksabha 2024 Uttara Pant viral video Haridwar Loksabha 2024 टीएसआर के सामने आते ही उत्तरा पंत का वीडियो बाहर आया, फिर वायरल हो रहा वीडियो

Haridwar Loksabha 2024 टीएसआर के सामने आते ही उत्तरा पंत का वीडियो बाहर आया, फिर वायरल हो रहा वीडियो


Haridwar Loksabha 2024 Uttara Pant viral video Haridwar Loksabha 2024

Haridwar Loksabha 2024 हरिद्वार लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव प्रचार शुरु कर दिया। इसी के साथ उनके साथ जुडे पुराने विवाद भी उखडने लगे हैं। हरिद्वार के सोशल मीडिया पर शिक्षिका उत्तरा पंत का मामला उछल पडा है।

सीएम रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में पहुंची शिक्षिका उत्तरा पंत से जुडा पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। ये वीडियो व्हट्सएप ग्रुपों में घूम रहा है। जाहिर हैं पुराने विवादों और मामलों को त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ माहौल बनाने में प्रयोग किया जा रहा है।

क्या था उत्तरा पंत का मामला
मामला 2018 का है कि जब सीएम रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता दरबार में शिकायतें सुनते थे। देहरादून में आयोजित दरबार में उत्तरा पंत अपना तबादला दुर्गम से सुगम स्थल पर कराने पहुंची थी। उत्तरा पंत की दलील थी कि उसके पति की मृत्यु 2015 में हो गई और अब उसके बच्चों को संभालने वाला कोई नहीं है।

ऐसे में उसका तबादला कर देना चाहिए। लेकिन उत्तरा पंत की गुहार पर त्रिवेंद्र सिंह रावत गुस्सा हो गए और उन्हें मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दे दिया। ये वीडियो तब सोशल मीडिया सहित अखबारों और चैनलों की सुर्खियां बना।

Haridwar Loksabha 2024

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कौन है उत्तरा पंत
अमर उजाल की खबर के अनुसार उत्तरा पंत बहुगुणा की पहली नियुक्ति 1993 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भदरासू मोरी उत्तरकाशी के दुर्गम विद्यालय में हुई थी। अगले साल उन्हें उत्तरकाशी में ही चिन्यालीसौड़ के धुनियारा प्राथमिक विद्यालय में तैनात कर दिया गया जो सड़क से 5-6 किमी. की खड़ी चढ़ाई पर स्थापित है।


वर्ष 1994 से सात-आठ साल तक वह जगड़गांव दुगुलागाड़ में तैनात रही तथा वर्ष 2003 से 2015 तक यहां तैनात रहने के बाद उन्हें उत्तरकाशी के नौगांव में जेस्टवाड़ी प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। वर्ष 2015 में पति की मृत्यु होने के बाद अध्यापिका लगातार बच्चों के साथ देहरादून ट्रांसफर के लिए प्रयास कर रही है, किंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक ने उनकी एक न सुनी।

विपक्षी बना रहे निशाना
एक पुरानी कहावत है कि अगर अपने अतीत को जिंदा करना हो तो चुनाव लड लेना चाहिए। चुनावी समर में स्वस्थ्य प्रतियोगिता को दरकिनार कर दल एक दूसरे की झूठे सच्चे आरोप लगाने से पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे मे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के उत्तरा पंत से जुडे पुराने मामले को विपक्षी भी जमकर उठा रहे हैं। ऐसे कई दूसरे मामलों को आने वाले समय में उठाये जाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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