FB IMG 1633935150133

किसने बनाई यशपाल-संजीव की घर वापसी की रणनीति, और कौन हैं लाइन में, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार


विकास कुमार

आखिरकार वही हुआ जिसकी सुगबुगाहट पिछले कई महीनों से सुनी जा रही थी। कुमाऊं के बड़े नेता और मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य ने दिल्ली में कॉन्ग्रेस में घर वापसी कर ली। हालांकि यह चर्चा बहुत दिनों से थी कि कांग्रेस से भाजपा में गए विधायकों और मंत्रियों में से जल्द ही वापसी का सिलसिला शुरू हो सकता है। लेकिन पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के चलते इसमें कुछ देरी हुई। लेकिन बड़ा सवाल ये कि आखिर कांग्रेस से भाजपा में गए दिग्गज नेताओं की घर वापसी की रणनीति किसने बनाई और किसने इन नेताओं को घर वापसी के लिए राजी किया।

वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं की इस सारी रणनीति को बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत है। हरीश रावत ने ही यशपाल आर्य की वापसी का रास्ता साफ किया और पुराने गिले-शिकवे दूर कहीं किए। इसके बाद यशपाल आर्य संजीव आर्य ने कांग्रेस जॉइन की। हालांकि यह तो बस अभी शुरुआत है अन्य कई नेताओं का कांग्रेस में जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह समूची भाजपा में खास तौर पर कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं की बयानबाजी चल रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गढ़वाल से भी कुछ विधायक और मंत्री भाजपा छोड़ कांग्रेस में जा सकते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली ने बताया कि भाजपा के लिए यशपाल आर्या का जाना बहुत बड़ा झटका है क्योंकि यशपाल आर्य कुमाऊ से आने वाले बड़े नेता हैं। ऐसे में यशपाल आर्य का अपने बेटे के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए मुसीबत से कम नहीं है। उनका मानना है कि हरीश रावत और गणेश गोदियाल की जोड़ी ने यह पूरी रणनीति तैयार की है और आने वाले दिनों में कई दूसरे बड़े नेताओं की जाने की संभावना है। गौरतलब है कि कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी पिछले कुछ समय से सरकार पर हमलावर है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो अभी तक हर भूमिका में अव्वल साबित हो रहे थे को यशपाल आर्य के कांग्रेस में जाने से बड़ा धक्का लगा है और आने वाले कुछ समय मे उनको बड़ी चुनोतियों से दो चार होना पड़ेगा।

Share News