अतीक साबरी।
पिरान कलियर दरगाह मामूल (बन्द) होने के बाद देर रात्रि आज़ाद समाज पार्टी सुप्रीमो चन्द्र शेखर आज़ाद को फर्जी खादिमों ने कराई हाज़री दरगाह परिसर में आस्ताने के बाहर उनकी कामियाबी की दुआएं मांगीं ओर फ़र्ज़ी खादिमों द्वारा दस्तारबंदी भी करदी गई। फ़र्ज़ी खादिमो के इस कारनामे से खुश हो कर आज़ाद समाज पार्टी उम्मीदवार अब्दुलवाहीद उर्फ भूरा ने सभी फर्जी खादिमो को पांच पांच सौ के करारे नोट बांटने शुरू कर दिए। इस मौके पर दरगाह की ओर से कोई भीअधिकारी व दरगाह कर्मी मौजूद नही था। फ़र्ज़ी खादिमों कि यह कारगुज़ारी दरगाह प्रभंधनतन्त्र की भारी लापरवाही है का नमूना है।
दरगाह प्रभंधनतन्त्र की जीर्ण शीर्ण होती व्यवस्था के एक नही अनेक उदाहरण हैं देश विदेश में विश्वधर्मिक स्थल के रूप में विख्यात यह दरगाह प्रभंधनतन्त्र के लिए मात्र एक कमाई का माध्यम भर है दरगाह शरीफ़ की सुरक्षा व्यवस्था मात्र एक चैकीदार के हवाले होती है। और उस चौकीदार की मौजूदगी में कोई भी ऐरा गैरा अपने आप को दरगाह साबिर पाक का खादिम बता कर अपनी जेब गर्म कर चलता बनता है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को उस वक़्त देखने में आया जब दरगाह मामूल होने के बाद आज़ाद समाज पार्टी सुप्रीमो चंद्र शेखर आज़ाद देर रात्रि पिरान कलियर पहुंचे दरगाह कार्यालय के बराबर में मौजूद चैनल गेट से उनको दरगाह परिसर में लेजाया गया और आस्ताने के बाहर एक फ़र्ज़ी ख़ादिम ने उनकी दस्तारबंदी कर उनके लिए दुआएं भी मांगली उसके बाद आज़ाद समाज पार्टी उम्मीदवार ने खुश हो कर वहां मौजूद उन फ़र्ज़ी खादिमो को पांच पांच सौ के करारे नोट भेंट किये सवाल उनके दरगाह में जाने या ना जाने का नही सवाल यह है एक प्रमुख धार्मिक स्थल की सुरक्षा का ज़िम्मा मात्र एक चौकीदार के कंधों पर है। जब वहां कोई अधिकारी या दरगाह कर्मी मौजूद नही रहता तो कैसे एक या दो फ़र्ज़ी ख़ादिम दरगाह परिसर में अपने आप को ख़ादिम बता कर हाज़री व दस्तारबंदी तक कर देते हैं उसके बाद दर्जनों लोगों की भीड़ के सामने उन फ़र्ज़ी खादिमो को पिरान कलियर विधानसभा उम्मीदवार अब्दुलवाहिद उर्फ भूरा पांच पांच सौ के नोट भेंट करते हैं। दरगाह शरीफ़ में जिस तरह आज़ाद समाज पार्टी उम्मीदवार ने पांच पांच सौ के नोट बांटे हैं वह आचार संहिता का खुला उलंघन है जबकि दरगाह प्रभंधनतन्त्र की भारी लापरवाही की दर्जनों लोग अपने आप को दरगाह साबिर पाक का ख़ादिम बता कर अवैध उगाही करने में लगे हैं।