उत्तराखण्ड में भारी बारिश Heavy Rain in Uttarakhand
रतनमणी डोभाल।
उत्तरखण्ड में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और काफी नुकसान देखने को मिला है। पहाडों में जहां इमारतें जमीदोंज हो गई वहीं मैदानी क्षेत्रों में कई इलाके जलमग्न होने के कारण लोग फंस गए जिन्हें एसडीआरएफ और पुलिस के जवानों ने सुरक्षित निकाला। रिपोर्ट के अनुसार 14 अगस्त को एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि करीब छह लोग लापता हैं जिनमें पौडी गढवाल जनपद के मोहनचट्टी इलाके में स्थित नाइट लाइर्फ पैराडाइज कैंप में रुके लोग भी शामिल हैं। उधर, देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में एक निजी कॉलेज की इमारत धराशयी हो गई जबकि गंगा नदी के खतरे का निशान पार करने के कारण ऋषिकेश और हरिद्वार के कुछ इलाके जलम्गन हो गए। ऋषिकेश और हरिद्वार से करीब दौ से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया। इनमें टिहरी में तपोवन के पास टनल में काम कर रहे इंजीनियर और मजदूर हैं तो हरिद्वर के बैरागी कैंप में एनएचआई के कर्मचारी स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
उत्तराखण्ड में भारी बारिश आपदा कंट्रोल रूम की सूचना के अनुसार रुद्रप्रयाग के श्रीकेदार पैदल मार्ग पर एक नेपाली मजदूर का शव मिला है। जबकि मदमहेश्वर पैदल मार्ग पर राशि गौंडार पुल टूटने से 100 यात्रियों फंस गए जिन्हें निकालने के प्रयास किए गए। पौडी जनपद में जाखणीखाल में तडके करीब तीन बजे भारी बारिश के कारण मोहनचट्टी में नाइट लाइर्फ पैराडाइज कैंप में मलबा आ गया यहां करीब पांच लोग लापता हो गए जबकि एक लडकी को सुरक्षित निकाल लिया गया, वहीं पौडी में ही मोल्ठी चट्टी में टीकाराम का मकान क्षत्रिग्रस्त हो गया, यहां दीक्षा नाम की महिला घायल हो गई जबकि चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

देहरादून जनपद के ऋषिकेश और नेपाल फार्म आदि इलाकों में जलभराव हुआ जहां प्रभावित इलाकों से पुलिस ने रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकाला। उत्तरकाशी जनपद में 55 साल की महिला भूमि देवी के बहने की खबर है। यहां दो भवनों और तीन गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है। वहीं टिहरी में कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना की टनल पर काम कर रहे करीब सौ लोगों को पुलिस ने रेस्क्यू किया। इनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं।
चमोली जनपद के पीपलकोटी भारी बारिश के कारण आए मलब में बहने से एक व्यक्ति लापता होने की सूचना है। वहीं घिंघराणा क्षेत्र में चार गौशालएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार गया है।
जिसके कारण कनखल के बैरागी कैंप में पानी घुस गया। यहां हाईवे पर काम कर रहे नेशनल हाईवे आथोरटी के 30 कर्मचारियों सहित 100 से अधिक लोगों को पुलिस सुरक्षित निकाला। वहीं लक्सर और श्यामपुर के तटीय इलाके भी जलमग्न हो गए। राहत की बात ये रही कि देर शाम तक गंगा का जल स्तर कम होना शुरु हो गया था। वहीं गढवाल के मुकाबले कुमांउ के जनपदों में हालात बेहतर रहे। यहां से कोई जान माल के नुकसान की खबर नहीं थी। उत्तराखण्ड में भारी बारिश
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में 15 जून से शुरु हुए मानसून सीजन में अब तक 60 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 17 लोग अभी भी लापता हैं वहीं 37 लोग घायल हैं। सबसे बडी घटना इस बार रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुंड में हुई है। जहां 23 लोग लापता हो गए थे। जिनमें से सात लोगों के शव बरामद हुए जबकि 16 अभी भी लापता हैं। इनमें अधिकतर नेपाल मूल के मजदूर हैं। उत्तराखण्ड में भारी बारिश