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कानाफूसी: छोटे शाब का शाम में काला चश्मा, आधे इधर जाओ-आधे उधर जाओ बाकी…


K.D.

आपदा का नाम सुनकर ही हर किसी के दहशत चेहरे पर साफ साफ झलकने लगती है पर पुलिस महकमे के एक छोटे साहब के लिए आपदा भी मौज मस्ती करने के लिए ही है, लिहाजा कल जगह जगह बेहद खराब हालात होने पर भी छोटे साहब आमजन की मदद करने की बजाय जलभराव में राफ्ट का पूरा लुत्फ लेते रहे। सवाल ये है की आपदाओं से रोजाना घिरने वाले इस सूबे में ऐसे अफसर आखिर फिट कैसे हो रहे है?
जी हां, कल हरिद्वार में गंगा तटीय इलाकों में जब पानी घुस आया था, तब हाहाकार मच गया था.आनन-फानन में लोग सुरक्षित स्थान की खोज में जुट गए थे.हर किसी के माथे पर चिंता की लकीरें साफ साफ दिखाई दे रही थी लेकिन इस खौफनाक मंजर के बीच पुलिस महकमे के एक छोटे साहब मानो पिकनिक मनाने निकले थे।

वह आमजन की मदद तो क्या ही करते,हां राफ्ट की सवारी उन्होंने खूब की. बेशर्मी की बात तो यह है कि धूप भले ही नहीं निकली थी लेकिन उनके चेहरे से काला चश्मा नहीं उतरा. काला चश्मा लगाकर राफ्ट से पूरा राउंड लगाना नहीं कहेंगे बल्कि सैर सपाटा करने के बाद साहब यहां वहां की बकैती कर अपने आशियाने में पहुंच गए । जैसे किसी फिल्म की शूटिंग हो रही हो.यह वही छोटे साहब हैं जो अपनी अजीबोगरीब करतूतों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं .दिखने में चुनमुन लगते हैं लेकिन इनका रोजाना का टारगेट सेट होता है. जीरो टोलरेंस का दावा करने वाले राज में लंबे समय से जमे इस अफसर की कारगुजारी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. यह हैरान कर देने वाली ही बात है. हैरानी है कि आपदा को भी जो अफसर मजाक मानकर चलते हैं ,ऐसे अफसरों को कैसे फील्ड पोस्टिंग मिली हुई है।

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