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*कलियर:- दरगाह परिसर में मनाया नये साल जश्न—दरगाह प्रबंधन बना तमाशबीन…*


कलियर:- दरगाह परिसर में मनाया नये साल का जश्न.–दरगाह प्रबंधन बना मोन…

अतीक साबरी:-

पिरान कलियर:- सभी धर्मो की आस्था का केंद्र पिरान कलियर दरगाह साबीरे पाक परिसर मे कूछ असमाजिक तत्वो ने केक काटकर नये साल का जशन मनाया, साथ ही हुडदंग मचाया जिससे करोडो आस्थावान लोगो को गहरी ठेस पहुची है और दरगाह प्रबंधन तन्त्र को इसकी भनक तक नही लगी हालांकि कार्यवाहक दरगाह प्रबंधक पत्रकारों से जानकारी मिलने के बाद कारवाई की बात कह रहे है लेकिन सवाल यह उठता है दरगाह शरीफ बंद होने के बाद सभी मेहमानों को दरगाह शरीफ से बाहर निकल दिया जाता है और दरगाह के एंट्री गेटो पर ताला लगा दिया जाता है तो इतनी संख्या मे रात बाहर बजे ये लोग किस रास्ते से दरगाह मे गये, ओर धार्मिक स्थल पर नये.साल का जशन मनाने की किसने इजाजत दी,और इतना सबकूछ होने के बाद भी दरगाह प्रबंधन तन्त्र को इसकी भनकतक नही लगी क्यो किसी ने इन लोगो को रोकने की कोशिश नही की,साथ ही उच्चाधिकारियों जानकारी क्यों नही दी गयी खेर जिस तरह दरगाह साबीरे पाक मे हर दिन नये नये कारनामे देखने को मिलते है और दरगाह प्रबंधक हाथ पे हाथ रखकर तमासा देखता रहता हे आखिर इन असमाजिक तत्वो पर कारवाई होगी यह तो आने वाला समय तह करेगा लेकिन जिस तरह आये दिन दरगाह शरीफ मे नये नये कारनामे सामने आते रहते है फिर भी दरगाह प्रबंधक कारवाई करने से कतराता है आस्थावान लोगो से इस संबंध मे की तो सभी ने इसको नाजायज ठहराया ,सज्जादा नशी परिवार से असद मिया का कहना है दरगाह मे जो हुआ वह बिल्कुल गलत है इसकी जितनी निंदा की जाय कम है दरगाह शरीफ इबादतगाह हे इससे दरगाह की पवित्रता भंग होती है , समाजसेवी खालिद साबरी का कहना है दरगाह शरीफ मे जो हुआ बिल्कुल गलत हुआ है दरगाह शरीफ मे ऐसा कभी नही हुआ अगर एसे लोगो अंकूश नही लगाया गया तो इनके होशले बूलंद होगे कार्यवाहक दरगाह प्रबंधक सफीक अहमद का कहना है मामला मे संज्ञान मे नही है दरगाह शरीफ बंद होने के बाद लोग कहा से अन्दर गये इसकी जाच होगी और जाच मे जो दोषी होगा उस पर कारवाई होगी

लेकिन सवाल यही उठता है दरगाह शरीफ बंद होने के बाद लोग दरगाह मे प्रवेश करते रहते है ,कभी कोई रसूकदार मस्जिद के गेट से अन्दर जाता है तो कभी चैनर गेट से कूछ असमाजिक तत्वो ने दरगाह शरीफ को अपनी जागीर समझ रखा है मन मर्जी कूछ भी करे ठोस शूत्र बताते हे रसूकदार लोग दरगाह बंद होने के बाद स्टाफ की मिलीभगत के चलते दरगाह शरीफ मे जाते है और बतौर नजराना
उनसे अवैध उगाही होती है ठोस शूत्र यह भी बताते दरगाह मस्जिद के गेट ताला लगाकर कर चाबी किसी अन्य आदमी के पास रहती हे और रात मे दरगाह शरीफ मे जाने वालो रसूकदारो के लिए गेट खोल दिया जाता है नमाजी के लिए नही नमाज पढने वाले व इबादत करने वाले मेहमान भटकते रहते हे!

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