MLA Umesh Kumar Haridwar Corridor project Harki Pauri Haridwar Pod Car in Haridwar Loksabha elections in Haridwar Madan Kaushik BSP MLA Shahzad
MLA Umesh Kumar हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लडने की तैयारी कर रहे एमएलए उमेश कुमार की स्थिति हरिद्वार कोरीडोर मामले में बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली हो गई है। उमेश कुमार ने इस मामले को लेकर व्यापारियों का समर्थन हासिल करना चाहा लेकिन उनका रोड शो पूरी तरह फ्लाप रहा। यहां तक की पिछले दिनों निकाले रोड शो में उमेश कुमार से हरिद्वार के व्यापारियों ने किनारा कर लिया। उनके खानपुर से आए कुछ समर्थक और गाडियों का काफिला ही उनके साथ चलता रहा।
वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान धरना प्रदर्शन भी किया था। लेकिन उमेश कुमार के इस स्टंट का हरिद्वार के व्यापारियों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। वहीं हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार भी मानते है कि खानपुर से बाहर अपनी जगह बनाने में उमेश कुमार केा परेशानी का सामना करना पड रहा है।
MLA Umesh Kumar
क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि विधायक उमेश कुमार भले ही खानपुर से जीत गए हों लेकिन खानपुर के बाहर उन्हें अपना जनाधार बनाने में दिक्कतें पेश आ रही है। खासतौर पर हरिद्वार कोरीडोर मामले में व्यापारियों का उन्हें साथ नहीं मिल पाया है। हालांकि उन्होंने इस मुददे पर व्यापारियों को लामबंद करने का प्रयास जरुर किया लेकिन फिलहाल उसका रिजल्ट उनके लिए सकारात्मक नहीं रहा। MLA Umesh Kumar
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल कहते हैं कि उमेश कुमार की नीति और विचारधारा साफ नहीं है। कभी वो भाजपा के बडे नेताओं के साथ दिखते हैं तो अगले ही पल वो विपक्षी नेताओं के साथ खडे दिखते हैं। और दूसरे पल वो किसी के साथ नहीं दिखते। राजनीति में कम से कम ऐसा नहीं चलता। यूसीसी के मामले में उन्होंने चर्चा से दूरी बना ली, जो उनकी राजनीतिक समझबूझ और कमजोरी को दर्शाता है। कोरीडोर मामले में भी उनका रोड शो विफल रहा। उन्हें पहले हरिद्वार का मिजाज समझना चाहिए। MLA Umesh Kumar
वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली बताते हैं कि उमेश कुमार ने हरकी पौडी कोरीडोर का मामला उठाया। हरिद्वार के व्यापारियों के लिए ये बडा मुददा है लेकिन हरिद्वार के व्यापारी सीधे कई बडे नेताओं से जुडे हैं और आर्थिक व राजनीति रूप से काफी सक्षम भी हैं। ऐसे में उमेश कुमार के लिए राह आसान नहीं है। वहीं दूसरी ओर यूसीसी जैसे मुददे पर उनका स्टैंड समझ से परे रहा। उमेश कुमार का बसपा विधायक शहजाद से भिडना भी सही नहीं रहा।