विकास कुमार।
बनारस के बाद हरिद्वार में एकीकृत विद्युत विकास योजना के अंतर्गत हरिद्वार शहर में भूमिगत विद्युत लाइन योजना की शुरुआत कर दी गई है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने में करीब 300 करोड़ रुपए का खर्च आया है। सरकार का दावा है कि ये योजना लॉकडाउन के बावजूद तय समयसीमा में पूरी हुई है। यही नहीं योजना से बिजली चोरी कम होगी और आपूर्ति भी बाधित नहीं होगी, ऐसा दावा अफसरों ने किया है। बुधवार का इसका लोकार्पण सीएम तीरथ सिंह रावत और केंद्रीय राज्य मंत्री आरके सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए योजना का लोकार्पण किया।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि बनारस के बाद हरिद्वार दूसरा शहर है जिसे भारत सरकार द्वार अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए चुना गया।
इस परियोजना से शहर की सुंदरता के साथ-साथ उपभोक्ताओं की सुविधा में भी इजाफा होगा। उन्होंने निर्धारित अवधि में परियोजना का कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिये जाने पर उर्जा विभाग के समस्त अधिकारियों एवं जनपद हरिद्वार की टीम को बधाई दी और उर्जा मंत्री भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।
उन्होंनें कहा कि इस योजना से कुम्भ क्षेत्र में विशेष सहयोग मिलेगा। ओवर हेड लाइनों से विद्युत आपूर्ति में होने वाली बाधायें भी दूर होंगी। सड़कों को चौड़ा किया जा सकेगा। आंधी तूफान में होने वाली दुर्घटनाओं की सम्भावना नहीं होगी और विद्युत चोरी भी बंद होगी, जिसका लाभ राज्य की जनता को मिलेगा। इस दौरान शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व अन्य अफसर उपस्थित रहे।
