विकास कुमार।
रेल हादसे में शिकार हुए चारों युवकों की शिनाख्त हो गई है। पुलिस के मुताबिक चारों युवक हरिद्वार के ज्वालापुर थाने के सीतापुर गांव के रहने वाले है। हालांकि हादसे का कारण क्या रहा, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं लग पाई है। वहीं हादसे के बाद लोगों में गुस्सा बना हुआ है।
जिन युवाओं की मौत हुई है उनमें प्रवीण चौहान, मयूर चौहान, गोलू उर्फ हैप्पी और विशाल चौहान पुत्र अरविंद चौहान के तौर पर हुई है। चारों युवक दोस्त बताए जा रहे हैं। वहीं हादसे के बाद सीतापुर में मातम है और लोग रेलवे को हादसे का जिम्मेदार मान रहे हैं। पुलिस के दो युवकों के शव इतने खराब हो गए हैं कि उनके पहचान भी मुश्किल हो रही थी। हालांकि देर रात तक चारों की पहचान का दावा किया जा रहा है। उधर रेलवे के अधिकारियों के बयान को लेकर भी लोगों में गुस्सा बना हुआ है।
हरिद्वार रेलवे लाइन डबल ट्रैक बनने के बाद तेज स्पीड रेल के ट्रायल के दौरान जमालपुर कलां गांव में गणेश विहार कॉलोनी में रेलवे लाइन से गुजर रहे चार लोगों की रेल से कटकर मौत हो गई। वहीं स्थानीय लोगों ने रेलवे को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया, जबकि रेलवे का कहना है कि मृतक लोग रेलवे के ट्रेक पर चल रहे थे इसलिए रेलवे की गलती कोई नही है। वहीं अफसरों का कहना है कि हमारा ट्रायल सफल रहा और दस जनवरी से ट्रेक पर यातायात शुरु हो जाएगा। एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस ने बताया कि हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त की जा रही है।
गौरतलब है कि है कि हरिद्वार लक्सर के बीच डबल रेलवे लाइन बिछाई गई है और डबल लाइन के बाद इसका हाईस्पीड पर रेल चलाकर लाइन का परीक्षण किया जा रहा था। इसके लिए दिल्ली से रेल लाई गई थी। रेलवे के डीआरएम मुरादाबाद Tarun Prakash ने बताया कि एक्कड ओर हरिद्वार के बीच डबल लेन के बाद यहां ट्रायल किया जा रहा था। शाम करीब छह बजे इसका परीक्षण किया गया और ट्रेन की स्पीड सौ से 120 के बीच रखी गई थी। जमालपुर कलां के पास हादसा हुआ है लेकिन इसमें रेलवे की कोई गलती नही है। चूंकि वो ट्रेक पर चल रहे थे इसलिए इसमें हादसे के लिए हम जिम्मेदार नही है। इसकी कोई जांच का सवाल भी नहीं उठता है। हमारा ट्रायल पूरी तरह सफल रहा.