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कोरोना इम्पेक्ट: हरिद्वार का रेड लाइट एरिया बना ये इलाका, 30 से ज्यादा सेक्स वर्कर पकड़ी जा चुकी हैं


कुणाल दरगन।
यूं तो धर्मनगरी हरिद्वार में शूरा और सुंदरी का चलन पिछले कुछ सालों से बढा है लेकिन लॉकडाउन के दौरान जिस्मफरोशी करने वाली महिलाओं की संख्या बढ गई है। इसके पीछे कोरोना के कारण बडे पैमाने पर गई नौ​करियां और लोगों की आमदनी में हुई कमी को मना जा रहा है। हरिद्वार पुलिस लॉकडाउन से अब तक 30 से अधिक सेक्स वर्करों को पकड चुकी है। इनमें से अधिकतर वो पीडित महिलाएं हैं जिनके पास दो जून की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो गया है और मजबूरी में इन महिलाओं को अपना जिस्म बेचने को मजबूर होना पड रहा है। हालांकि पुलिस के अनुसार इनमें से अधिकतर महिलाएं उत्तराखण्ड से बाहर उत्तर प्रदेश विभिन्न जनपदों की रहने वाली है, जो यहां किराए पर रहती आ रही है या फिर हाल ही में हरिद्वार आई हैं। क्योंकि हरिद्वार में यात्रियों का आना शुरू हो गया है इसलिए अब इन महिलाओं की गतिविधियां भी बढ गई है। बुधवार को हरिद्वार पुलिस ने एक बार फिर छह महिलाओं को पकडा है, इन पर आरोप है कि ये राहगीरों और यात्रियों को अश्लील इशारे कर रही थी। हालांकि पुलिस इन सभी को सेक्स वर्कर ही मानती है। इनमें रीमा, सोनिया, रोशनी, गोरीपाल, सरला देवी और कविता शामिल है। सामाजिक कार्यकर्ता डा. विशाल गर्ग बताते है कि बढती जिस्मफरोशी के मामले इस बात का सबूत है कि कोरोना के कारण बडे पैमाने पर लोगों का रोजगार छिना है और खासतौर पर गरीब तबके के पास दो जून की रोटी का बंदोबस्त भी नहीं हो पा रहा है।

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हरिद्वार का रेड लाइन एरिया बना ये इलाका
हरिद्वार नगर कोतवाल अमरजीत सिंह ने बताया कि अभी तक तीस से अधिक सेक्स वर्कर को पकडा गया है। लगभग सभी महिलाएं रेलवे स्टेशन और बस अड्डा रोड से पकडी गई है। इसी इलाके में सबसे ज्यादा होटल और लॉज भी है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग भी लगातार इनकी शिकायत करते हैं और हम समय समय पर इनके खिलाफ कार्रवाई करते रहते हैं। अभी तक जितनी महिलाएं पकडी गई है, सभी की माली हालत खराब है और इनके परिवार में कोई दूसरा कमाने वाला भी नहीं है। किसी का पति शराबी है तो कोई अपने बुरे वक्त के कारण इस पेशे में आई है। हालांकि लॉकडाउन से पहले भी इनकी उ​पस्थिति इस इलाके में थी लेकिन लॉकडाउन के बाद इनकी संख्या बढ गई है।

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अधिकतर सेक्स वर्कर की उम्र 20 से 40 के बीच
अमरजीत सिंह बताते हैं कि इन सेक्स वर्कर की औसत आयु 20 से 40 साल के बीच हैं और कई शादीशुदा है तो कई कुंवारी भी है। ये भी खास है कि अधिकतर महिलाएं यहां किराए पर रहती है और दूसरे जनपदों की रहने वाली है। हालांकि इनके खिलाफ कार्रवाई के साथ—साथ इनके परिजनों को भी बताया जा रहा है। साथ ही इनकी काउंसलिंग भी कराई जा रही है।

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कई सेक्स रैकेट पकड़े जा चुके हैं
इन सेक्स वर्कर के अलावा हरिद्वार पुलिस पिछले कुछ सालों में दर्जनों सेक्स रैकेट के खुलासे कर चुकी है। जिनमें दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा, उडीसा, बंगाल और बिहार की लडकियां आजाद कराई गई है। इनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। हरिद्वार को होटलों में ये आम हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता डा. विशाल गर्ग बताते हैं कि नशा और जिसमफरोशी हरिद्वार में बहुत तेजी से बढी है। इसका दोषी कौन है इसका पता लगाए जाने की आवश्यकता है। इससे हरिद्वार का माहौल खराब हो रहा है।

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