Pod car in Haridwar four major routes 21 stations on 21 km long route

Pod Car in Haridwar पॉड कार योजना पर संकट, क्या लटक जाएगी योजना, क्या है कारण


रतनमणी डोभाल। Pod Car in Haridwar
हरिद्वार की महत्वाकांक्षी योजना पॉड कार पर संकट के बादल गहरा गए हैं। व्यापारियों के विरोध के बाद अब अधिकारी जीरो जोन से इसका रुट बदलने पर विचार कर रहा है। हालांकि ये इतना आसान नहीं है क्योंकि प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो चुकी है और रुट निर्धारण के बाद उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कोरपोरेशन ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं और नए सिरे से डीपीआर तैयार करने के लिए सर्वे भी करना पडेगा और नई बाधाएं व संभावनाएं तलाशनी पडेगी, जिसमें वक्त लग सकता है, जिसके बाद ये आशंका है कि योजना लटक सकती है। Pod Car in Haridwar


क्या सच में आ पाएगी पॉड कार Pod Car in Haridwar
हरिद्वार में पॉड टैक्सी कार योजना देश की पहली पीआरटी सिस्टम वाली कार बताई जा रही है। दुनिया में भी ये कुछ ही देखों के चंद शहरों में ही है। व्यापारी पहले से ही इसकी उपयोगिता पर सवाल खडे करते रहे हैं। लेकिन जीरो जोन से रुट निर्धारण के बाद हरिद्वार के व्यापारी और स्थानीय लोग योजना पर सवाल खडे कर रहे हैं। व्यापारी नेता संजीव नैयर ने बताया कि डीपीआर तैयार कर टेंडर जारी किया गया। Pod Car in Haridwar

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लेकिन इससे पहले रुट के संबंध में व्यापारियों से कोई बात नही की। व्यापारियों से बात के अलावा खुद ही सोचना चाहिए था कि क्या ये संभव है कि जीरो जोन के इलाके से ये पॉड कार को ले जाया जा सकता है। जिलाधिकारी हरिद्वार के साथ मीटिंग में हमने रुट बदलने की मांग की थी जिस पर उन्होंने सोचने के लिए बोला था। रुट नहीं बदलेगा तो ये योजना सिरे नहीं चढ पाएगी। Pod Car in Haridwar


कोरीडोर और पॉड कार एक साथ कैसे संभव है Pod Car in Haridwar
वहीं व्यापारियों का ये भी तर्क है कि प्रशासन एक जगह हरकी पैडी कोरीडोर बनाने की योजना पर काम कर रहा है। वही दूसरी ओर अब पॉड कार ला रहा है। एक साथ दो योजनाएं कैसे संभव है जबकि प्रशासन ये भी कह रहा है कि व्यापारियों और स्थानीय लोगों केा उजाडे बगैर दोनेां योजनाएं अमल में लाई जाएगी। प्रशासन खुद तय नहीं कर पा रहा है कि वो क्या करें। Pod Car in Haridwar

व्यापारी नेता सुनील सेठी ने बताया कि पॉड कार योजना से पहले इसकी उपयोगिता पर चर्चा होनी चाहिए। 1600 करोड रुपए खर्च करने के बाद क्या इससे स्थानीय व्यापारियों या लोगों को फायदा होगा। मुझे नहीं लगता कि इससे इतना बडा फायदा होने जा रहा है। इसकी जगह हरिद्वार को ऋषिकेश, देहरादून से मेट्रो के जरिए जोडा जाना चाहिए ताकि व्यापार को गति मिल सके। और अगर पॉड कार लानी ही है तो इसका रुट तो बदलना ही पडेगा, वरना हम इसे लागू नहीं होने देंगे।

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