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जेल में वायरस: असुरक्षित सेक्स और संक्रमित इंजेक्शन से फैलता है, 56 कैदियों में मिला वायरस, हडकंप


विकास कुमार/फरमान खान/अतीक साबरी।
हरिद्वार जिला कारागार रोशनाबाद में खरतनाक वायर हेपेटाइटिस के 56 मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। खास बात ये है कि हेपेटाइटिस वायरस सबसे ज्यादा संक्रमित इंजेक्शन, ब्लड प्रयोग करने या फिर असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलता है। जिला कारागार में 56 मरीज मिले हैं, जिसके बाद ये पता लगाया जा रहा है कि इन कैदियों को हेपेटाइटिस वायरस का संक्रमण कैसे हुआ। वहीं जिला अस्पताल अपनी रिपोर्ट तैयार कर जेल प्रशासन को दे रहा है।


क्या कहता है जेल प्रशासन
जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि मीडिया से हमें कैदियों में हेपेटाइटिस वायरस के मरीजों की खबर मिली है। इस बारे में पूरी रिपोर्ट सीएमओ से नहीं मिली है, इसके बाद ही पता लग पाएगा कि किन कैदियों को ये हुआ है और क्यों हुआ है। फिलहाल जेल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। हर बैरक में सीसीटीवी फुटेज लगे हैं। कैदियों को बाहर से ही संक्रमण होने की संभावना है।


क्या होता है हेपेटाइटिस, कैसे फैलता है
हेपेटाइटिस वायरस जनित बिमारी है। हेपेटाइटिस के मुख्यत: पांच प्रकार के वायरस ए, बी, सी, डी और ई को जि़म्मेदार माना जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी के मरीज़ों में लिवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण दूषित पानी और खाने से फैलता है। हेपेटाइटिस बी का वायरस इंजेक्शन, संक्रमित खून चढ़ाने या असुरक्षित यौन संबंध के कारण फैलता है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के ब्लड या अन्य प्रकार के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। यह संक्रमित रक्त, सूई या ऐसे ही अन्य मेडिकल उपकरणों के प्रयोग से भी होता है। हेपेटाइटिस बी का वायरस संक्रमित स्त्री के गर्भस्थ शिशु में भी फैल सकता है। सहवास के ज़रिये पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को हेपेटाइटिस बी और सी होने की आशंका अधिक रहती है। गर्भवती स्त्रियों और बच्चों का इम्यून कमज़ोर होता है, अत: उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए।


क्या हैं लक्षण
बुखार, भोजन में अरुचि, पेट में दर्द, जी मिचलाना, मांसपेशियों में दर्द, आंखों और त्वचा की रंगत में पीलापन, पैरों में सूजन एवं अनावश्यक थकान महसूस होना आदि इसके प्रमुख लक्ष्ण हैं।


कैसे बचा जा सकता है
हेपेटाइटिस बी के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर बहुत से टेस्ट करते है।
हेपेटाइटिस बी को जानने के रक्त की जांच की जाती है और HBSAG टेस्ट किया जाता है। अगर हेपेटाइटिस बी शुरुवाती है तो Igm टेस्ट करते है व लंबे समय से है तो Igg टेस्ट करते है।
यदि व्यक्ति का लिवर खराब होता है तो लिवर की स्थिथि की जांच Liver Biopsy से किया जाता है।
हेपेटाइटिस बी की तीव्रता जांच करने के लिए HBSAG टेस्ट किये जाते है।
लिवर पर क्या असर हो रहा है यह पता करने के लिए Live Function Test लाइव फक्शन टेस्ट किया जाता है।
लिवर की स्थिथि की जांच करने के लिए Ultrasound Scan पेट की सोनोग्राफी कीया जाता हैं।
Polymerase Chain Reaction (PCR) टेस्ट वायरस रक्त में वायरल लोड जानने के लिए यह जांच कीया जाता है।

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