विकास कुमार।
सोमवार को भी कोरोना से मरने वालों का आंकडा 168 तक पहुंच गया। राज्य में पिछले कुछ दिनों में मौतों का ग्राफ लगातार बढ रहा है। वहीं जनपद में पांच हजार पांच सौ 41 नए केस सामने आए हैं। हालांकि जितनी टेस्टिंग पहले हो रही थी अब उतनी नहीं हो रही है इसलिए नए मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या घटती हुई नजर आ रही है। वहीं देहरादून अभी भी नए संक्रमित और मौत के मामलों में प्रदेश में पहले स्थान पर चल रहा है। जबकि हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल में भी हालात ठीक नहीं है। अस्पतालों में बेड फुल होने के कारण लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है।
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किस असपताल में कितनी हुई मौत
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क्या बोले अफसर
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि एक आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड में 10 ली. प्रति मिनट दर से और आईसीयू बेड के लिए 24 लीटर प्रति मिनट की दर से आॅक्सीजन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार इन बेड्स के लिए राज्य सरकार को 165.18 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की आवश्यकता होगी। भारत सरकार ने 183 मीट्रिक टन उत्तराखंड को अलोकेट किया है। अभी जो बेड उपयोग में आ रहे हैं, उनके लिए 130 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की जरूरत है और हमें प्रतिदिन 126 मीट्रिक टन आॅक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध होती है। हाॅस्पिटल्स में जो प्लांट लगे हैं, उनसे 5 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध हो रही है। अस्पतालों में और भी प्लांट लग रहे हैं, जिनसे 4 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी।
———— अफसरों की जनता से अपील————
उन्होंने जनता से अपील की कि जब भी लक्षण दिखना शुरू हो, तत्काल उपचार करवाएं तो कोविड के मामलों और मौत के आंकड़ों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आईसीयू की जरूरत नहीं है, और अगर वे इसका उपयोग कर रहे हैं, उनकी निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जो हाॅस्पिटल्स की निगरानी करेगी।
————————————— वैक्सीनेशन पर भी ये सब बोला————————————
वैक्सीन को लेकर उन्होंने बताय कि हमें 1 लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है। हमने भारत सरकार को लिखा है कि राज्य सरकार अगर बाहर से सीधे वैक्सीन आयात कर सकती है तो उसके लिए हमें अनुज्ञा दी जाए। बहुत जल्द हम मोबाइल टेस्टिंग वैन भी शुरू करेंगे, जो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर मरीजों की पहचान करेगी और वहीं उनकी जांच करेगी, इससे उन्हें उपचार के लिए शहर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि राज्य में मार्च 2020 में आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड्स 673 थे जो कि वर्तमान में 5500 के अधिक हैं। इसी प्रकार राज्य में मार्च 2020 में आईसीयू 216 थे जो कि अब 1390 है, वेंटिलेटर्स मार्च 2020 में 116 से बढकर अब 876 हो गये हैं, आॅक्सीजन सिलेंडर्स मार्च 2020 में 1193 थै जो कि वर्तमान में 9900 हो गये हैं, आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स मार्च 2020 में 275 थे अब 1293 हैं, एंबुलेंस 307 और 64 टूनाड मशीन हैं। वहीं मार्च 2020 में केवल एक टेस्टिंग लैब थी, वर्तमान मे 10 सरकारी लैब और 26 प्रायवेट लैब हैं। उन्होंने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा एक साल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और और आगे भी इनमें वृद्धि करेंगे। उन्होंन बताया कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में 500 बेड का कोविड हाॅस्पिटल बन रहा है, जिसमें 100 बेड आईसीयू के होंगे। वहीं ऋषिकेश मे 500 बेड का कोविड अस्पताल बना रहे है। ऋषिकेश एम्स में 100 बेड का आईसीयू अस्पताल होगा। इसी प्रकार जाॅलीग्रांट में 200 से 300 बेड वैकल्पिक रूप से तैयार करेंगे। साथ ही जितने भी सरकारी अस्पताल हैं, उनमें भी आॅक्सीजन बेड करने की तैयारी है।