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कारानामा: डुबकी कैसे लगाएंगे गंगाभक्त, गंगा घाटों से दूर कर दी गंगा, हरकी पैडी पर बढ़ेगा दबाव


रतनमणी डोभाल।
नमामि गंगे मिशन के तहत हर की पैड़ी क्ष़ेत्र के गंगा घाटों का नवीनीकरण एवं सुंदरीकरण करने में करोड़ों रुपये का बजट ठिकाने लगाया जा रहा है। देहरादून में बैठे सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना प्लानिंग तथा कैनाल के वाटर लेबिल की अनदेखी इस प्रकार घाटों का नवीनीकरण किया गया है कि घाटों की सीढ़ियों से ही गंगा दूर चली गई है। जल घाटों से दूर होने के कारण छठ पर्व के श्रद्धालुओं के लिए गंगा स्नान तथा पूजा अर्चना मुश्किल हो गया है। वहीं हरकी पैडी के इन दो प्रमुख घाटों पर पानी कम होने की स्थिति में गंगा में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु सीधे हरकी पैडी के मुख्य घाटों की ओर रूख करेंगे, जिससे वहां अनवाश्यक दबाव बढ़ जाएगा, जो प्रशासन के सामने भीड़ प्रबंधन करने में बड़ी चुनौती हो सकता है।
सुभाष घाट और गउ घाट पर तो श्रद्धालु डुबकी ही नहीं लगा पा रहे हैं। श्रद्धालु सुरक्षा के लिए लगाई गई स्टील की चमचमाती रेलिंग से बाहर जाकर जान जोखिम में डालकर खड़े—खड़े गंगाजल में स्नान करने को मजबूर हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों की शिकायत है घाट की सीढ़ियों को बनाते तथा रेलिेग लगाते समय उन्होंने कुंभ मेलाधिकारी, सिंचाई विभाग के अधिकारियों तथा कार्यदायी संस्था के ठेकेदार को बताया भी था कि जिस प्रकार घाट का निर्माण किया जा रहा है और सीढ़ियां बनाकर रेलिंग लगाई जा रही है वहां तक पानी आएगा नहीं। लेकिन किसी आसपास के लोगों की बात नहीं मानी और घाट नवीनीकरण व सुंदरीकरण का डिजायन दिल्ली में बनाकर भेज दिया गया।
उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम, यूपीडीसीसी ने इंजीनियरों ने देहरादून में बैठक डिजायन पर काम शुरू करा दिया। क्षेत्र निवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत को ज्ञापन देकर बता दिया था कि सुभाषघाट से शिव केंद्र तक दोनों तरफ जो घाट की सीढ़ियां बनाई जा रही हैं तथा रेलिंग लगाई जा रहीं हैं वह ठीक नहीं हैं तथा श्रद्धालु गंगा में डुबकी नहीं लगा पाएंगे। उन्होंने कहा​ कि छठ पर्व पर ही श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाएंगे।
मेलाधिकारी ने कार्यदायी विभाग यूपीडीसीसी से उनकी शिकायत पर ध्यान देने के लिए लिखा भी था परंतु दिल्ली में बैठकर जो डिजायन बनाया गया था उसकी ​के अनुसार काम किया गया है। जिससे श्रद्धालुओं को गंगा में डुबकी लगाने से वंचित कर दिया गया है। पूर्व पार्षद अमन गर्ग ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों को विकास योजना बनाते समय दूर रखने का ही नतीजा है कि करोड़ों पर खर्च तो हो गए किंतु श्रद्धालुओं को इसका कोई फायदा नहींं हुआ है।

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