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कानाफूसी: गैरों पे सितम, अपनों पे करम, दारोगा पर नरम


विकास कुमार।
हाल ही में ड्रग तस्करों से संबंध रखने पर हरिद्वार पुलिस के दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन, हिमाचल प्रदेश से कथित तौर पर करोडों की धोखाधडी के प्रकरण में फरार चल रही युवती को संरक्षण देने वाले दारोगा को फिर से अहम चौकी की जिम्मेदारी सौंपी दी गई। आखिर हरिद्वार पुलिस महकमे में उल्टी गंगा क्यों बह रही है। इस मामले में घिरे चौकी प्रभारी के पद से हटाए गए एक दारोगा को फिर से मुख्य चौकी की कमान सौंप दिए जाने से सवाल खडे हो गए हैं। हालांकि ड्रग तस्करों का साथ देने में पकडे गए सिपाहियों का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन अगर इन पर कार्रवाई हो सकती है तो फिर दारोगा जी पर मेहरबानी क्यों।
इस फैसले से हरिद्वार पुलिस की साख पर एक बार फिर से बटटा लगने की पूरी उम्मीद है। देहरादून में बैठे अफसर भी इस फैसले केा लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस की छवि को लेकर बेहद ही संवेदनशील होने का दावा करने वाले डीजीपी अशोक कुमार का क्या रुख इस फैसले को लेकर रहता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश से करोड़ों की धोखाधड़ी के प्रकरण में फरार चल रही आरोपित युवती को हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने हरिद्वार से धर दबोचा था। तब खुलासा हुआ था कि एक दारोगा ने युवती को संरक्षण दिया हुआ था और वह उसका परिचय अपनी मंगेतर के तौर पर दे रहा था। पुलिसकर्मी भी शातिर युवती की जी हुजूरी में दिन भर लगे रहे थे, क्योंकि वह तो उनके लिए चौकी प्रभारी की मंगेतर थी।
हैरानी की बात यह है कि इलेक्ट्रोनिक्स सर्विलांस के जरिए ही हिमाचल प्रदेश पुलिस दारोगा तक पहुंची थी लेकिन पहले तो दारोगा ने हिमाचल पुलिस को गच्चा देना चाहा लेकिन जब हिमाचल प्रदेश के एसपी ने यहां के एसएसपी से संपर्क साधा, तब दारोगा ने खुद चंद मिनट में युवती को हिमाचल प्रदेश पुलिस के सामने लाकर खड़ा कर दिया था। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इस तरह पुलिस को गच्चा देने वाले पर मेहरबानी गले से नीचे नहीं उतर रही है। निलंबित करने की बात छोड़ दीजिए केवल दारोगा को हटाकर इतिश्री कर ली थी।
वहीं चंद दिन इधर उधर गुजारने के बाद दारोगा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी गई। भला इसके पीछे क्या मजबूरी है। लेकिन हरिद्वार पुलिस में इस फैसले लेकर हैरानी बनी हुई है। वहीं सत्ता के दबाव में बहादराबाद चौकी प्रभारी के पद से हटाए गए रणजीत सिंह तोमर को एसओजी की कमान देकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

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