विकास कुमार
खेती को लेकर केंद्र सरकार के तीन रिफार्म बिल के समर्थन में हरिद्वार जनपद में भाजपा की किसान रैली में आए किसानों ने तीनों बिलों का समर्थन किया लेकिन साथ ही एमएसपी को लेकर गारंटी की मांग को जायज भी करार दिया। आपको बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान भी निजी क्षेत्र में अपनी फसल की एमएसपी यानी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी चाहते हैं और इस पर अलग से कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पांच अन्य मांगें किसानों की है।
भाजपा की रैली में आए किसान योगराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों बिल काबिलेतारीफ हैं और इससे बिचौलिया सिस्टम खत्म हो जाएगा। उन्होंने एमएसपी की गारंटी सरकार दे रही है लेकिन निजी क्षेत्र में जो खरीदार किसानों की फसल खरीदेंगे वहां भी किसानों को कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज कम दाम पर ना बेचना पड़े इसके लिए कुछ गारंटी तो होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान आंदोलन केा राजनीतिक दलों ने हाईजैक कर लिया है। इससे किसानों को ही नुकसान हो रहा है। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर देना चाहिए। इससे हर समस्या का हल हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इसे सरकार लागू करने की तैयारी कर रही थी लेकिन लागू क्यों नहीं हो पाया, इसका पता नहीं चल पाया।
वहीं एक दूसरे किसान राम प्रमोद सैनी ने भी किसान बिलों का समर्थन किया और कहा कि किसानों को मंडी में बैठे दलालों से निजात मिल जाएगी। किसानों को इससे फायदा होगा। हालांकि उन्होंने इसका भी समर्थन किया कि निजी क्षेत्र में अपनी उपज बेचने पर एमएसपी या कम से कम उपज पर फायदे के साथ खरीदारी तो होनी चाहिए। ताकि किसान को नुकसान ना हो। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बाजार मांग और उत्पादन के अनुसार चलता है और ऐसे में निजी क्षेत्र के लोग किसान से किस प्रकार और कितने दाम पर खरीदते हैं ये मांग और उपज पर भी काफी हद तक निर्भर रहता है। लेनिक एक न्यूतनतम मूल्य तो होना ही चाहिए ताकि किसानों को नुकसान ना उठाना पड़े।
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मुख्यमंत्री का भाषण नहीं हो पाया पूरा
हालांकि रैली में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को आना था लेकिन मौसम की खराबी के कारण वो नहीं आ पाए। इसके बाद उन्होंने आनलाइन जुड़ने का प्रयास किया। लेकिन वहां भी लगातार तकनीकी खराबी आती रही। इसके कारण वो अपनी बातें पूरी तरीके से नहीं कह पाए। इससे पहले भाजपा विधायकों ने रैली में आए किसानों को बिल के फायदें गिनाए।
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रैली में ज्यादा किसान नहीं आए
वहीं रैली में ट्रैक्टरों की संख्या तो ज्यादा थी लेकिन किसान उतनी बडी संख्या में उपस्थित नहीं थे। लेकिन किसानों ने रैली से दूरी ही बनाए रखी। ज्यादा किसान हरिद्वार ग्रामीण और रानीपुर विधानसभा से आए थे। वहीं भीड दिखाने के लिए शहर के भाजपा कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।
इस भाजपा की किसान रैली में किसानों का नहीं पहुचना यह दर्शाता है कि किसानों नो ने यह साबित कर दिया कि सरकार द्वारा बनाये गए बिल किसानों को ठगने का रास्ता है