विकास कुमार/अतहर अंसारी।
गरीबों और कालेधन वालों के करोडों रुपए लेकर फरार हुआ मुस्लिम फंड संचालक अब्दुल रज्जाक अदालत के सामने जाते ही बदल गया। कोर्ट में अपनी जमानत के लिए आवेदन करते हुए रज्जाक ने अपनी काबिल वकील की मार्फत कहा कि वो बेगुनाह है और उसे पुलिस ने झूठा फंसाया गया है। हालांकि कोर्ट ने रज्जाक की दलील नहीं मानी और उसकी जमानत को निरस्त कर दिया। वहीं दूसरी ओर पुलिस रज्जाक के सहयोगी प्रोपर्टी डीलरों की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस को बेनामी संपत्तियों और सराय रोड पर मौजूद प्रोपर्टी के बारे में कई अहम जानकारी हाथ लगी है। इस संबंध में रजिस्ट्रार कार्यालय से भी सबूत जुटाए जा रहे हैं। जिसके बाद बडी संपत्तियों को सीज किया जा सकता है।
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क्या—क्या बोला रज्जाक
रज्जाक ने अपनी काबिल वकील एडवोकेट हनीफ अंसारी के मार्फत कोर्ट के समाने दलील पेश की और कहा कि वो बेगुनाह है, उसे रंजिशन झूठा फंसाया गया है। रज्जाक ने लोगों के पैसे गबन नहीं किए। यही कोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि एफआईआर देर से दर्ज की गई और 25 जनवरी को ही पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया था। इस संबंध में रज्जाक के परिजनों की ओर से 26 जनवरी को मानवाधिकार आयोग को पत्र भी लिखा गया था। वहीं रज्जाक के काबिल वकील ने कई कानूनी कमजोरियों पर भी जमानत के दौरान रोशनी डाली। वहीं सरकारी वकील ने रज्जाक के अपराध को गंभीर बताया और जमानत ना देने की अदालत से अपील की। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने रज्जाक की जमानत को रद्द कर दिया।
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पुलिस ने आयद की मुख्तलिफ संगीन धाराएं
वहीं ज्वालापुर पुलिस ने आरोपी रज्जाक व उसके दो प्रोपर्टी डीलर साथियों के खिलाफ कानून की मुख्तल्फि धाराओं को इजाफा किया है। पहले मुकदमा आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत दर्ज किया गया था। लेकिन अब 409,467,468,471,102बी के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही चार्जशीट भेजने की बात कह रही है। वहीं रज्जाक के काबिल अधिवक्ता हनीफ अंसारी ने बताया कि सीजेएम कोर्ट में जमानत निरस्त हुई है। रज्जाक दोषी है या बेगुनाह ये कोर्ट तय करेगी। इसकी अपनी प्रक्रिया है। अगला कदम रज्जाक के पैरोकारों के निर्देशों के आधार पर लिया जाएगा।