फर्जी डीएम ​गिरफ्तार: बरोजगार युवतियों का नौकरी का झांसा देकर करता था शोषण, तीन फरार

फर्जी डीएम ​गिरफ्तार: बरोजगार युवतियों का नौकरी का झांसा देकर करता था शोषण, तीन फरार


फर्जी डीएम ​गिरफ्तार

रतनमणी डोभाल। फर्जी डीएम ​गिरफ्तार
हरिद्वार पुलिस ने फर्जी डीएम को गिरफ्तार करने का दावा किया है। आरोपी निहार कर्णवाल पुत्र राजेंद्र कर्णवाल निवासी खन्नानगर ज्वालापुर खुद को उधम सिंह नगर जनपद का डीएम बताता था और उत्तराखण्ड सरकार का बोर्ड लगी कार का प्रयोग कर बेरोजगार युवतियों को फंसाता था। फर्जी डीएम के खिलाफ शिवालिक नगर और ज्वालापुर में मामले दर्ज है। शिवालिक नगर रहने वाली एक युवती का तो उसने शारीरिक शोषण भी किया था। जबकि ज्वालापुर वाली युवती से 70 लाख रुपए की ठगी की थी। फर्जी डीएम ​गिरफ्तार

हरिद्वार में कई युवतियों को बनाया शिकार
निहार कर्णवाल अपनी मां मेमकिला व दोस्त निशांत कुमार गुप्ता व निखिल बेनिवाल के साथ मिलकर गैंग चलाता था और ​बेरोजगार युवतियों को शिकार बनाता था। इसी तरह शिवालिक नगर निवासी युवती को निहार ने ठगा और उसे सरकारी नौकरी का झांसा दिया व उससे लाखों रुपए की ठगी के साथ—साथ उसका शारीरिक शोषण भी किया। इस मामले में रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन फर्जी डीएम निहार पुलिस के हत्थे नहीं चढ पाया। फर्जी डीएम ​गिरफ्तार


वहीं दूसरा मामला ज्वालापुर के खन्ना नगर की ही रहने वाली चेतना अरोडा का सामना आया। चेतना को निहार ने लोक निर्माण विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर सात लाख रुपए मांग लिए। कुछ दिनों बाद उसने कहा कि अब एसडीएम की एक पोस्ट हैं जिसके लिए 70 लाख रुपए लगेंगे। चूंकि चेतना के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए उसने अपने भाई का मकान बेच दिया। ये मकान भी निहार ने अपने लोगों से बिकवा दिया और मकान पर कब्जा कर लिया। जब 70 लाख देने के बाद भी नौकरी नहीं लगी तो चेतना का मन—मस्तिष्क चेतन हो गया और उसने शिकायत ज्वालापुर थाने में की।


इसके बाद कोतवाल कुंदण सिंह राणा ने एक्शन लिया और निहार को घेरघोट कर पकड लिया। ये गैंग लडकियों के अलावा प्रोपर्टी कारोबारियों और सुनारों को भी ठगने का काम करता था।

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