विकास कुमार।
सीएम तीरथ सिंह रावत का लोनिवि गेस्ट हाउस में कोरोना महामारी में खाद्यान्न वितरण पर दिए गए बयान को लेकर कुछ लोगों ने एक बार फिर सीएम के बयान को आधा—अधूरा पेश कर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है। इस बयान में सीएम ने कहा था कि खाद्यान्न से कहूं मैं तो पिछली बार नौ महीना दिया था कोविड में। तीन महीने का कोटा इस समय दिया। पिछली बार साढ़े सात किलो मिलता था। इस बार हमने बीस किलो कर दिया और चीनी कभी नहीं मिली, जब से देश आजाद हुआ, किसी भी दुख में, कष्ट में, आपदा में। हम चीनी भी तीन महीना दे रहे हैं। कल ही कैबिनेट में हमने पास किया।
दरअसल सीएम के बयान को सुनने के बाद समझने की जरूरत है। सीएम ने ये कहा है कि आपदा मे कभी भी आजादी से अब तक फ्री चीनी नही मिली है। इस पर क्या गलत कहा? पर ऐसा क्यों हो रहा है,कही इसके पीछे कोई साजिश तो नही,ये भी बड़ा सवाल। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से सीएम तीरथ सिंह रावत के बयानों को काट छांट कर गलत तरीके से अपने मतलब से पेश किया जा रहा है। इसी तरह आक्सीजन और वैक्सीनेशन वाला बयान था, इसमें भी उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। जबकि सच कुछ ओर था।
दो दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे सीएम तीरथ सिंह रावत सबसे पहले जीएमवीएन बड़कोट में बनाए गए कोविड केयर सेंटर पहुंचे और व्यवस्थाएं देखीं। उन्होंने बड़कोट सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन देने का आश्वासन दिया। इसके बाद सीएचसी नौगांव का निरीक्षण किया।
सीएम के चीनी वाले बयान को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं विरोधी, ये बोले थे सीएम
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