BHEL Haridwar land Uttarakhand demand समें BHEL Haridwar की अनुपयोगी 457 एकड जमीन राज्य सरकार को दिए जाने की मांग भी की गई।

BHEL Haridwar की 457 एकड़ जमीन राज्य को देने की मांग, पीएम से मिले सीएम धामी, क्या-क्या मांगा


BHEL Haridwar land Uttarakhand demand

रतनमणी डोभाल। BHEL Haridwar
दिल्ली प्रवास के दौरान उत्तराखण्ड सीएम पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मिले। इस दौरान उन्होंने राज्य में दिसम्बर में देहरादून में “वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023“ के लिए बतौर मुख्य अतिथि न्यौता भी दिया। साथ ही कई प्रस्ताव भी बताए जिनके लिए अनुमति के लिए अनुरोध भी किया गया। इसमें BHEL Haridwar की अनुपयोगी 457 एकड जमीन राज्य सरकार को दिए जाने की मांग भी की गई।

सीएम ने क्या-क्या अनुरोध किया BHEL Haridwar
सीएम धामी ने कहा कि किच्छा खटीमा रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1546 करोड़ है। राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुये उन्होंने सम्पूर्ण लागत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किये जाने का अनुरोध किया। इसके अलावा अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर के अन्तर्गत सैद्धान्तिक रूप से सहमत इण्डस्ट्रीयल पार्क हेतु केन्द्र सरकार के अंश लगभग रू0 410 करोड़ को अवमुक्त किये जाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

भेल की जमीन राज्य सरकार को देने का अनुरोध BHEL Haridwar
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिद्वार के अन्तर्गत भारत सरकार पीएसयू भेल के पास लगभग 457 एकड़ भूमि वर्तमान में किसी उपयोग में नहीं लायी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से हरिद्वार में औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण की सम्भावनाओं के दृष्टिगत् यह भूमि राज्य सरकार को हस्तान्तरित किये जाने का अनुरोध किया। BHEL Haridwar

बाह्य सहायतित परियोजनाओं की ऋण सीमा को पूर्ववत् रखे जाने का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बाह्य सहायतित परियोजनाओं की ऋण सीमा को पूर्ववत् रखे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार वित्त मंत्रालय द्वारा बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत वर्ष 2025-2026 तक के लिये ऋण सीमा को 12652 करोड़ रूपये तक सीमित कर दिया गया है। जिसके कारण राज्य के लिये महत्वपूर्ण नई परियोजनाओं के प्रस्तावों को बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित करना कठिन हो गया है। BHEL Haridwar

BHEL Haridwar land Uttarakhand demand समें BHEL Haridwar की अनुपयोगी 457 एकड जमीन राज्य सरकार को दिए जाने की मांग भी की गई।
BHEL Haridwar land Uttarakhand demand समें BHEL Haridwar की अनुपयोगी 457 एकड जमीन राज्य सरकार को दिए जाने की मांग भी की गई।

जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से दिलाए जाने का किया आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा दिनांक 07.03.2023 को आयोजित पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में संस्तुति प्रदान की गई। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी द्वारा प्रदान की जानी है।

देहरादून के मुख्य रेलवे स्टेशन को हर्रावाला शिफ्ट करने की स्वीकृति दी जाए
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देहरादून एवं ऋषिकेश में यातायात को सुव्यवस्थित करने हेतु देहरादून के मुख्य रेलवे स्टेशन को हर्रावाला शिफ्ट किया जाने एवं ऋषिकेश के अन्तर्गत पुराने रेलवे स्टेशन की भूमि राज्य सरकार को हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव को स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से 1546 करोड़ की अनुमानित लागत के किच्छा खटीमा रेलवे स्टेशन, रेलवे प्रोजेक्ट के राज्य की वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को GST Era के उपरान्त हिमाचल सहित औद्योगीकरण को बढ़ावा दिये जाने हेतु IDS की स्कीम लॉच की गयी थी। जिसके लाभार्थियों की कैपिटल सब्सिडी अवमुक्त नहीं की गयी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस अति लोकप्रिय स्कीम (लगभग 1585 ईकाईयां, 1600 करोड़ की सब्सिडी एवं लगभग 7000 करोड़ का प्रत्यक्ष निवेश) को अगले 5 वर्षों हेतु पुनः लागू किया जाय।

मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण इन्फ्रा प्रोजेक्ट देहरादून – टिहरी टनल परियोजना एवं पन्तनगर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण के कार्यों में तेजी लाने के लिए भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

उत्तराखंड में गुड गवर्नेंस और विभिन्न विकास परियोजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री जी के निर्देश के क्रम में राज्य सरकार द्वारा सचिव मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 04 सदस्य टीम द्वारा गुजरात के गुड गवर्नेंस मॉडल का अध्ययन किया गया। इससे प्रेरणा पाते हुये राज्य में गुजरात के स्वागत मॉडल की तरह सीएम शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया गया। अब हर किसी शिकायत को एंड टू एंड डिजिटलीकरण किया गया है। जिससे हर शिकायत की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है। शिकायतों के निवारण की गुणवत्ता को परखने हेतु स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा 10 परिवादियों से सीधे वार्तालाप की जा रही है। इसी के तहत 1095 हेल्पलाइन के तहत 24 घंटे कॉल सेन्टर स्थापित किये गये है। हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी परिवार पहचान पत्र बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड का परिवार पहचान पत्र का डेटा डायनेमिक डेटा होगा, जो न केवल विभिन्न लाभपरक योजनाओं के लाभार्थियों को चयन करने में मदद करेगा बल्कि विभिन्न योजनाओं को निर्माण करने में सही सूचना उपलब्ध करायेगा। भारत सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को बदला जा रहा है। आतिथि तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों का चिन्हित किया गया है एवं लगभग 250 अधिनियमों को single repeal act के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये संतृप्तीकरण के आदेश को अंगीकृत करते हुये राज्य सरकार द्वारा 07 फ्लैगशिप स्कीम का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। 04 अन्य फ्लैगशिप स्कीम में 85 प्रतिशत से अधिक की प्रगति है। भारत सरकार एवं नीति आयोग की अपेक्षा के अनुसार बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों को प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वयन तथा विकास कार्यों के सटीक अनुश्रवण एवं गहन मूल्यांकन हेतु नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर एवं सुविधायें देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। जिस हेतु गुड गवर्नेंस काउंसिल का गठन किया गया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा 06 आकांक्षी विकासखण्डों का चयन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से अन्य 09 विकासखण्डों को सम्मिलित करते हुये कुल 15 आकांक्षी विकासखण्डों को चिन्हित करते हुये उनके विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। लगभग 7000 करोड़ रूपये की हरिद्वार-ऋषिकेश पुर्नविकास महापरियोजना पर कार्य किया जा रहा है। सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर नई एडमिन सिटी की स्थापना पीपीपी मोड पर की जा रही है, जिस पर लगभग 6000 करोड़ रूपये का निवेश होगा। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर उधमसिंह नगर जिले में 3000 एकड़ का नया शहर (पंतनगर एयरपोर्ट से 15 मिनट की दूरी पर, जिसका अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरिडोर आर्थिक केन्द्र होगा।

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