विकास कुमार।
प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने श्राइन बोर्ड की तर्ज पर बने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। इसके लिए तीर्थ पुरोहित समाज पिछले काफी समय से आंदोलन कर रहे थे। इस बोर्ड को त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार लाई थी और इसे भंग करने का सरकार पर भारी दबाव था। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा रही थी। वहीं बोर्ड भंग होने के बाद चारों धामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी बेहद खुश है और सरकार के फैसले की प्रशंसा कर रहे हैं।
दवेस्थानम बोर्ड में चारों धाम हिम प्रदेश के 51 मंदिर बोर्ड के अधीन थे। सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन उनके कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आगे नहीं बढ़ पाई। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की घोषणा की।

सीएम धामी ने त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलटा, देवस्थानम बोर्ड भंग, तीर्थ पुरोहित खुश
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