रतनमणी डोभाल। Pod Car in Haridwar Property in Haridwar
हरिद्वार में पीआरटी यानी Personal Rapid Transit (PRT) सिस्टम जिसे आम भाषा में पॉड कार Pod car भी कहते हैं के तहत चार मुख्य मार्गों को जोड़ा जाएगा। इसकी प्रस्तावित लागत करीब 1600 करोड़ रुपए हैं जिसमें करीब 21 किमी दूरी की लाइन डाली जाएगी। जिसमें 21 पॉड कार स्टेशन बनाएं जाएंगे, जहां से यात्री उतर और चढ सकेंगे।
जिन चार मार्गों से ये पॉड कार गुजरेगी वा कौन से होंगे और कहां—कहां स्टेशन होंगे, इस बारे में हमने अहम जानकारी जुटाई है। गौरतलब है कि कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है और जल्द ही इस पर काम शुरु हो जाएगा। नीचे पढें पूरी डिटेल Property in Haridwar pod car in Haridwar four major routes 21 stations on 21 km long route
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ज्वालापुर से जुड़ेगा उत्तरी हरिद्वार, मध्य हरिद्वार से कनखल Pod Car In Haridwar
पॉड कार यानी पीआरटी सिस्टम के तहत चार मुख्य मार्गों को जोड़ा जाएगा। इसमें पहला है सीतापुर से भारतमाता मंदिर कोरीडोर ये 14.53 किमी लंबा होगा। इसमें 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। ये सबसे बडा पॉड कार कोरीडोर होगा। दूसरा कोरीडोर सिटी अस्पताल से कनखल के दक्ष मंदिर तक जाएगा। इसकी लंबाई 3.109 किमी होगी। इसमें चार स्टेशन बनाएं जाएंगे।
जबकि तीसरे कोरीडोर वाल्मिकी चौक से ललतारौ ब्रिज तक होगा, इसकी लंबाई करीब सात सौ मीटर होगी। इसमें सिर्फ एक स्टेशन होगा। जबकि चौथा कोरीडोर गणेशपुरम से डीएवी स्कूल तक होगा। इसमें दो स्टेशन बनाएं जाएंगे। इसकी लंबाई 2.379 किमी होगी। Pod Car in Haridwar
पीपीपी मोड में बनेगा, 1593 करोड रुपए खर्च होंगे
इस प्रोजेक्ट को उत्तरखण्ड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तैयार किया है। इसे पीपीपी मोड में बनाया जाना है और इस पर कुल 1593 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को हाल ही में कैबिनेट ने हरी झंडी दिखा दी है। जिसके बाद सर्वे आदि का काम तेजी से शुरु कर दिया गया है। जल्द ही ये प्रोजेक्ट भी धरातल पर उतरना शुरु हो जाएगा। Pod Car In Haridwar
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क्या होगा फायदा
पॉड कार से लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा। लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा। क्योंकि पाड कार सिस्टम एलिवेटेड सिस्टम हैं इसलिए उपर पाड कार चलेगी तो नीचे अन्य ट्रैफिक मूवमेंट आसानी से होगा। इसलिए अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण की भी जरुरत नहीं पडेगी। हालांकि स्टेशन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण करना होगा।
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