Pod Car in Haridwar पोड कार की फाइल फिर बाहर आई, इस कारण से फिर आगे सरका पोड कार प्रोजेक्ट

Pod Car in Haridwar पोड कार की फाइल फिर बाहर आई, इस कारण से फिर आगे सरका पोड कार प्रोजेक्ट


Pod Car in Haridwar हरिद्वार कॉरीडोर के बीच एक बार फिर पोड कार प्रोजेक्ट की फाइल आगे बढ़ गई है। पिछले कुछ समय से पोड कार प्रोजेक्ट पर विराम लग गया था। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार कारीडोर प्रोजेक्ट के साथ ही पोड कार प्रोजेक्ट को भी अमल में लाने की कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने की कसरत तेज हो गई है। जल्द ही पोड कार प्रोजेक्ट को लेकर भी शहर के व्यापारियों के साथ चर्चा होने की संभावना है।

गंगा दशहरा के जाम ने दिलाई पोड कार प्रोजेक्ट की याद
हाल ही में गंगा दशहरा स्नान पर हरिद्वार पूरी तरह जाम हो गया था। हाई वे पर जहां हजारों गाडियां फंस गई थी वहीं शहर की गलियां और नाके चौराहे भी जाम की चपेट में आ गए थे।

हाईवे फोरलेन बनने के बाद भी जाम की स्थिति ने शासन और प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद हरिद्वार में सीतापुर से लेकर भूपतवाला और कनखल तक पोड कार प्रोजेक्ट की चर्चा एक बार फिर शुरु हो गई। स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि पोड कार प्रोजेक्ट होने से शहरवासियों और यात्रियों को लाभ होगा और वो जाम में नहीं फंस पाएंगे।

Pod Car in Haridwar

Pod Car in Haridwar पोड कार की फाइल फिर बाहर आई, इस कारण से फिर आगे सरका पोड कार प्रोजेक्ट
Pod Car in Haridwar पोड कार की फाइल फिर बाहर आई, इस कारण से फिर आगे सरका पोड कार प्रोजेक्ट

जल्द हो सकती है मीटिंग
वहीं सूत्रों की मानें तो हरिद्वार कोरीडोर के साथ ही पोड कार प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए अधिकारियों ने रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके लिए फिर से व्यापारियों और शहर के दूसरे लोगों से मीटिंग हो सकती है ताकि आम राय बनाकर पोड कार प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।

1600 करोड़ का प्रोजेक्ट है
पोड कार प्रोजेक्ट 1600 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इसमें सीतापुर पर पहला स्टेशन होगा जो पुलजटवाडा, दुर्गा चौक, आर्य नगर, रामनगर, रानीपुर मोड से होते हुए बस स्टेशन तक पहुंचेगा और यहां से अपर रोड होता हुआ खडखडी और भूपतवाला तक जाएगा।

वहीं चंद्राचार्य चौक से कनखल होते हुए डीएवी कॉलेज तक जाना है। इस पर कुल 21 स्टेशन बनाए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर ज्वालापुर से हरिद्वार तक कुछ जगह निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाना है। जिसको लेकर व्यापारियों में आम राय नहीं बन पाई थी।

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