भारत में मुस्लिम ​जातियां: कौन हैं सुरजापुरी मुस्लिम और ये मुसलमानों की दूसरी जातियों से क्यों अलग हैं

भारत में मुस्लिम ​जातियां: कौन हैं सुरजापुरी मुस्लिम और ये मुसलमानों की दूसरी जातियों से क्यों अलग हैं


भारत में मुस्लिम ​जातियां

अतीक साबरी। भारत में मुस्लिम ​जातियां
हाल ही में बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आंकड़े जारी किए हैं। बिहार की कुल आबादी के करीब 17 फीसदी मुस्लिम हैं इनमें भी कई जातियां यानी बिरादरी शामिल हैं जिनमें शेख, सैयद, मुगल और पठान के अलावा दर्जनों पिछडी जातियां हैं। लेकिन मोमिन यानी अंसारी जिन्हें सर्वे में जुलाहा भी कहा गया है, कसाई, दर्जी, मलिक, राईन या कुंजरा सहित तमाम पिछडी जातियों के बीच एक दूसरी जाति का भी सर्वे में उल्लेख किया गया है जिसे सुरजापुरी मुस्लिम बताया गया है।

सुरजापुरी मुस्लिम कुल आबादी का 1.87 प्रतिशत हैं यानी इनकी आबादी बिहार में करीब 24 लाख 46 हजार आंकी गई हैं। जो पिछडी जातियों में मोमिन यानी अंसारियों की आबादी के बाद दूसरे नंबर पर है। लेकिन सवाल है कि सुरजापुरी मुस्लिम कौन हैं और इन्हें सर्वे में अलग जाति के तौर पर क्यों रखा गया है।

See Video Here

सीमांचल और सुरजापुरी मुसलमानों का रिश्ता
बिहार सरकार के सर्वे के अनुसार सुरजापुरी मुस्लिमों की आबादी बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिलों के लिए आंकी गई है। सुरजापुरी मुस्लिम जाति की गणना के दौरान शेख, सैयद, मलिक, मुगल और पठान को सुरजापुरी मुसलमानों में शामिल नहीं किया गया। बिहार सरकार ने जिन चार जिलों का जिक्र किया हैं, उन्हें सीमांचल के तौर पर जाना जाता है, जो पूर्णिया मंडल का हिस्सा हैं।


 सीमांचल यानी सीमा से लगा हुआ इलाका। बिहार का ये इलाका नेपाल और बंगाल की सीमा से लगा हुआ है। और बिहार का सबसे पिछडा हुआ इलाका माना जाता है।  सीमांचल के जनपदों में मुसलमानों की आबादी करीब 47 प्रतिशत हैं। भारत में मुस्लिम ​जातियां

इनमें सुरजापुरी मुस्लिम, शेरशाहबादी, कुल्हैया और मोमिन यानी अंसारी की आबादी शामिल हैं। लेकिन यहां सुरजापुरी मुसलमान बहुसंख्यक हैं। अब सवाल ये है कि सुरजापुरी मुसलमान कौन होते हैं और इनकी मान्यताएं व धार्मिक रीति रिवाज क्या हैं।

भारत में मुस्लिम ​जातियां: कौन हैं सुरजापुरी मुस्लिम और ये मुसलमानों की दूसरी जातियों से क्यों अलग हैं
भारत में मुस्लिम ​जातियां: कौन हैं सुरजापुरी मुस्लिम और ये मुसलमानों की दूसरी जातियों से क्यों अलग हैं

सुरजापुरी मुसलमान कौन होते हैं
सुरजापुरी मुसलमान दूसरे मुसलमानों की तरह ही सुन्नी पंथ से ताल्लुक रखते हैं और इनके रीति रिवाज और मान्यताएं भी भारत के अन्य मुसलमानों की तरह ही है। लेकिन इन मुसलमानों को सुरजापुरी इनकी भाषा और बोली के आधार पर कहा गया है। अररिया से कांग्रेस के विधायक अबीदुर रहमान बताते हैं कि सुरजापुरी मुसलमानों की भाषा और बोली अलग है।

जिसके कारण इन्हें सुरजापुरी मुस्लिम कहा जाता है। ये किशनगंज में सुरजापुरी मुसिलमों की आबादी ज्यादा है। बाकी सुरजापुरी मुसलमान यहां रहने वाले अन्य मुसलमानों की तरह ही हैं जो पिछडा वर्ग से संबंधित हैं।


अब सवाल है सुरजापुरी भाषा किस तरह अलग है। सुरजापुरी भाषा एक इंडो—आर्यन बोली है, जो मैथिली और बंगला भाषा से जुडी हैं। जैसे सुरजापुरी भाषा में पति को मईर, नुनूर अब्बा और भतार भी कहा जाता है। जबकि पत्नी को मईर और मोगी बोला जाता है। भारत में मुस्लिम ​जातियां

वहीं भाई को भाया और बहन को बहीन जबकि चाचा को चचा, दादा को दादो बोला जाता है। भाषा के स्तर पर अलग होने के बावजूद सुरजापुरी मुस्लिमों में आर्थिक और सामाजिक पिछडापन है और इनके अन्य पिछडा वर्ग में शामिल करने के लिए काफी लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि किशनगंज से सुरजापुरी मुस्लिमों के विधायक भी हैं बावजूद इसके अभी भी ये समाज तरक्की से दूर है। भारत में मुस्लिम ​जातियां


सुरजापुरी मुस्लिमों की तरह ही सीमांचल में कुल्हैया और शेरशाहबादी मुसलमान भी हैं आगे हम वीडियो में विस्तार से मुसलमानों की इन दोनों जातियों पर चर्चा करेंगे। आपको ये वीडियो कैसे लगी अपनी राय जरुर दें। भारत में मुस्लिम ​जातियां

Share News