Wisdom Global School Teacher Sexual Harassments case against Chairman UC Jain Jurs Country Haridwar

उद्योगपति यूसी जैन पर कौन सी धाराएं लगी, कितनी है सजा, क्या हो सकता है समझौता, यौन उत्पीड़न मामला


रतनमणी डोभाल/विकास कुमार।
उद्योगपति और विजडम ग्लोबल पब्लिक स्कूल के चेरयमैन उमेश चंद जैन यानी यूसी जैन और स्कूल के प्रिंसीपल के खिलाफ किन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और इन धाराओं में आरोप साबित होने पर कितनी सजा हो सकती है और क्या इन धाराओं के तहत पीडिता से समझौता हो सकता है या नहीं, आइये जानते हैं। Wisdom Global School Teacher Sexual Harassments case against Chairman UC Jain Jurs Country Haridwar

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क्या हैं आरोप
विजडम ग्लोबल पब्लिक स्कूल में कार्यरत 36 वर्षीय महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया कि 2022 में उसकी ज्वाइनिंग के बाद से ही यूसी जैन द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाले जाने लगा और कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन शुरु कर दिया। अनैतिक तरीके से पीडिता को छूने व्हट्सएप पर मैसेज भेजने शुरु कर दिए। पीडिता ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रिंसीपल संजय देवांगन से की। लेकिन इसके बाद प्रिंसीपल ने सहानुभूति दिखाते हुए पीडिता को गलत तरीके से छूना शुरु कर दिया। साथ ही दोस्ती का प्रस्ताव देकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला।

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किन धाराओं में हुआ मुकदमा
ज्वालापुर पुलिस ने तहरीर के आधार पर यूसी जैन और संजय देवांगन के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 342, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आइये जानते हैं इन धाराओं में क्या प्रावधान है।

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आईपीसी की धारा 354
अधिवक्ता भरत तनेजा ने बताया कि धारा 354 महिला अपराधों से जुडी है। इसके तहत किसी महिला की लज्ज भंग करने के आशय से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना है। ये एक गैर जमानतीय अपराध है और इसमें एक साल से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। इस धारा के तहत दोनों पार्टी आपस में समझौता नहीं कर सकती है।

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आईपीसी की धारा 342
इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को गलत आशय से बंधक बनाना या सीमित करना है। हालांकि इस अपराध को करने वाले आरोपी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि ये एक संज्ञेय अपराध है लेकिन साथ ही साथ ही जमानतीय अपराध की श्रेणी में भी आता है। यानी इसमें आसानी से जमानत हो जाएगी। इस धारा के तहत एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती है। वहीं इस अपराध में पीडित और आरोपी पक्ष आपस में सुलह समझौता कर सकते हैं।

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आईपीसी की धारा 504
ये धारा तब लगती है जब कोई शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करे। इसमें दो साल तक की सजा है, ये जमानतीय अपराध है यानी आसानी से बेल मिल जाती है। साथ ही इसमें ​बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। धारा 342 की तरह ही इसमें समझौता हो सकता है।

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आईपीसी की धारा 506
इसके तहत आपाराधिक धमकी देना आता है। इसमें दो प्रावधान है, अगर धमकी सामान्य है तो सजा दो साल तक है लेकिन अगर धमकी ये खतरा मौत, गंभीर चोट आदि का हो तो सजा सात साल तक दी जा सकती है। ये एक जमानतीय अपराध है और इसमें भी पीडित पक्ष आरोपी पक्ष से समझौता कर सकता है।

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