विकास कुमार।
बाबा रामदेव हरिद्वार के 150 बेड के जिस बेस अस्पताल को देश का आदर्श अस्पताल और मिसाल बता रहे हैं, उसी अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में बडा खेल हो रहा है। पांच मई को 150 बेड और दस वेंटिलेटर सहित इस अस्पताल का उद्धाटन किया गया था लेकिन अस्पताल के बाहर नो बेड का पोस्टर चस्पा कर दिया गया और मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है। जबकि, बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीेंठ की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि अस्पताल में फिलहाल 60 से 70 मरीज उपचार करा रहे हैं। यानी क्षमता से भी आधे तो फिर अस्पताल प्रबंधन क्यों नो बेड होने का दावा कर रहा है, क्यों मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। जबकि, हरिद्वार में मरीजों को इस समय अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं और निजी अस्पतालों में जहां बेड हैं वहां भी बहुत ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है।
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मंत्री स्वामी यतीश्वरांनद के निरीक्षण में भी खुली थी पोल
वहीं मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद दो दिन पहले बेस अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान यहां हरिद्वार के एक ही मरीज के परिजन मरीज को भर्ती कराने के लिए भटक रहे थे। तब उन्हें नो बेड बताते हुए जाने के लिए बोला था। इस पर उन्होंने स्वामी यतीश्वरानंद से गुहार लगाई और तब जाकर उन्हें बेड उपलब्ध कराया गया। वहीं जब इस बाबत सीएमओ डा. एसके झा ने पूछा गया तो उन्होंने बताया था कि गंभीर मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है। लेकिन बडा सवाल है आखिर क्यों जब आईसीयू हैं, वेंटिलेटर है और स्टॉफ भी है तो गंभीर मरीजों को यहां से रैफर क्यों किया जा रहा है।
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क्या बोला पतंजलि योगपीठ
पतंजलि योगपीठ की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि परोपकार का बड़ा कार्य पूज्यवर के मार्गदर्शन में हरिद्वार से किया जा रहा है। कोरोना की इस कारुणिक बेला में जहाँ परिवार व रिश्तेदार अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं वहाँ पतंजलि देश व समाज सेवा में संलग्न है। हमारे लाखों कार्यकर्ता दिन-रात रोगियों की चिकित्सा व अन्य सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं। कोरोना के इस महादानव को चुनौति देते हुए पतंजलि ने उत्तराखंड सरकार के साथ 150 बेड का हॉस्पिटल हरिद्वार में प्रारंभ किया है जो पूर्णतया निःशुल्क है। यहां पर Holistic treatment के एक आदर्श मॉडल के रूप में इस अस्पताल से निरंतर सेवा प्रदान की जा रही है। यहां आधुनिक संसाधनों के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा की वैज्ञानिक व्यवस्था भी है।
पतंजलि द्वारा संचालित हरिद्वार स्थित यह बेस हॉस्पिटल देश का अपनी तरह का पहला कोरोना रोगियों के लिए एकीकृत समग्र उपचार केंद्र (Integrated Holistic Treatment center for COVID-19 patients) है। यहां रोगियों का उपचार Pathy नहीं सकारात्मकता के साथ-साथ अत्याधुनिक संसाधनों, एलोपैथी चिकित्सा, योग-आयुर्वेद, प्राकृतिक एवं आहार चिकित्सा, यज्ञ चिकित्सा के अद्भुत संयोग से किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार के सहयोग से पतंजलि द्वारा किए जा रहे सेवा कार्य का परिणाम है कि यहां के अस्पताल में कोविड के लगभग 60-70 रोगी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश रोगी अब पूर्ण स्वास्थ्य की ओर अग्रसर हैं।