land fraud in Haridwar two congress leader and saints booked by police

सीनियर अफसर पर भ्रष्टाचार के मामले में चलेगा मुकदमा, पत्नी राजनीति में हरीश रावत की करीबी रही

रतनमणी डोभाल।।
उत्तराखण्ड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर कड़ा फैसला लेते हुए वन विभाग के सीनियर अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति जारी कर दी है। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस विभाग जांच कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक जांच में किशनंचद पर कई सौ गुणा संपत्ति अर्जित करने का मामला सामने आया है। वहीं भ्रष्टाचार के कई नए आयाम स्थापित करने के भी किशनचंद पर आरोप है। हालांकि अभी मुकदमा चलाने के लिए केंद्र की अनुमति भी लेनी होगी जिसके बाद विजिलेंस अपनी चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल कर देगा। government-gave-permission-to-file-a-case-against-senior-ifs-officer

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क्या हैं आरोप
विजिलेंस टीम ने आईएफएस किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद्र ने अपने आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की। यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है। इस संपत्ति में किशनचंद की मात्र सात करोड़ की संपत्ति है। जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है। भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रेशर लगाया। पिरानकलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया है। यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट बनाया। अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए ऋण को अभी तक नहीं लौटाया है। इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडौन प्रभाग में लोगो को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीने अपने नाम करा ली। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान ख़रीदा। मकान के लिए 60 लाख का स्कूल के ट्रस्ट से ऋण लिया। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए। इस पैसे को एक दिन पहले अलग अलग लोगों से जमा करवाया। आईएफएस अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस द्वारा दाखिल की जा रही चार्जशीट के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाना चाहते हैं उस दिशा में जो जरूरी होगा वो काम सरकार करेगी।

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पत्नी कांग्रेस में हरीश रावत की करीबी रही
वहीं किशनचंद की पत्नी बृज रानी लंबे समय तक कांग्रेस में रही और टिकट ना मिलने पर ज्वालापुर सीट से निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुकी हैं। हालांकि 2017 में जब वो चुनाव लडी तो उस समय उन्हें हरीश रावत के इशारे पर कांग्रेस प्रत्याशी एसपी सिंह इंजीनियर को चुनाव हराने के लिए मैदान में उतारने के आरोप भी लगे। इस साल वो चुनाव से एनवक्त पहले कांग्रेस में ज्वाइन हुई। लेकिन टिकट ना मिलने पर फिर बागी हो गई। हालांकि उनके करीबियों का मानना है कि हरीश रावत के लिए इतना कुछ करने के बाद भी बृज रानी को टिकट नहीं मिल पाया।

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