अतीक साबरी/विकास कुमार।
स्मैक जैसा खतरनाक नशा बेचने के आरोप में पुलिस ने हरिद्वार और ऋषिकेश से चार महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें हरिद्वार के भगवानपुर की पाकीजा और कलियर की जाहिदा शामिल हैं जबकि ऋषिकेश की खुशी और सनम से स्मैक बरामद की गई है। लेकिन बडा सवाल ये है कि इन कामकाजी घरेलू महिलाओं से कौन स्मैक बिकवा रहा है और अगर महिलाएं के पास स्मैक जैसा नशा पहुंचा रहा है तो ये कितना खतरनाक और विस्फोटक है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। Pakija, Kushi, sanam and Jahida arrested in drug smuggling women drug smuggler
नशा तस्करों के संपर्क में कैसे आई ये महिलाएं
पुलिस के मुताबिक पाकीजा का पति कल्लू नशा करता भी था और बाद में नशा तस्करों ने उसे अपना लोकल तस्कर बना लिया। कल्लू ने ही अपनी पत्नी पाकीजा को स्मैक के बारे में बताया और उसे भी स्मैक की तस्करी में लगा दिया। वहीं कलियर की जाहिदा का भी ये ही कहानी है। जाहिदा को भी उसके किसी परिचित ने स्मैक बेचने के लिए राजी किया और बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं युवाओं के साथ-साथ कई दूसरी लडकियों और महिलाओं को भी नशा बेचती थी। इसके अलावा खुशी और सनम ने भी ऋषिकेश में इसी पैटर्न पर काम शुरु किया और तस्करी की लंबी पारी खेली।
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पुलिस से बचने के लिए करते हैं महिलाओं का प्रयोग
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अक्सर महिलाओं पर कोई शक नहीं करता है। जब छोटे इलाकों और गली मोहल्लों में नशा बेचने का सवाल आता है तो महिलाएं इसके लिए सबसे अच्छा माध्यम होती है। शराब तस्करी में भी महिलाओं की भूमिका सामने आ चुकी है। चूंकि महिलाओं पर आसानी से शक नहीं होता और इनकी तालाशी लेना भी इतना आसान नहीं है। इसलिए तस्कर छोटी छोटी जगहों पर इलाके बांट कर महिलाओं के जरिए स्मैक बेचने का काम कर रहे हैं।
बडे तस्करों तक पुलिस के हाथ कब पहुंचेंगे
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि पुलिस की कार्रवाई अभी सिर्फ सतही तौर पर है। आला आधिकारी शोर मचाते हैं तो निचते स्तर पर कार्रवाई दिखने को मिल जाती है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर छह सात ग्राम स्मैक बेचने वाले तस्करों पर कौन बडे पैमाने पर सप्लाई कर रहा है। बीच के सप्लायर और बडे माफियाओं पर जब तक शिंकजा नहीं कसेगा तब तक नशा रुकने वाला नहीं है। उन्होंने बताया कि सबको पता है कि उत्तराखण्ड में बरेली नेटवर्क काम कर रहा है और हरिद्वार देहरादून में इसी नेटवर्क के जरिए नशा पहुंचाया जा रहा है तो पुलिस क्यों बडी कार्रवाई नहीं कर रही है।
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