विकास कुमार।
उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के युवा चेहरे चुनाव लडने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के सीनियर नेताओं की मानें तो उत्तराखण्ड में यूथ कांग्रेस कोटे से पांच टिकट दिए जाने हैं, हालांकि युवाओं ने कम से कम 12 टिकट दिए जाने की वकालत की है लेकिन माना जा रहा है कि आखिर में पांच टिकट फाइनल किए जाएंगे। हरिद्वार जनपद से भी दो युवा नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इनमें रानीपुर सीट से युवा नेता वरुण बालियान और ज्वालापुर सीट से रवि बहादुर हैं।

लेकिन फिलहाल की स्थिति में रानीपुर सीट से वरुण वालियान काफी मजबूत स्थिति में हैं और यूथ कोटे से हरिद्वार में टिकट आया तो वरुण बालियान को फायदा हो सकता है। वहीं ज्वालापुर से रवि बहादुर के सामने अभी लंबा फासला तय करने की दरकार है।
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल बताते हैं कि वरुण वालियान छात्र राजनीति से सक्रिय है और युवाओं व जनता के हितों को उठाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं। श्रमिक आंदोलन में उनकी भूमिका जगजाहिर रही है और पूर्व विधायक अंबरीष कुमार का शिष्य होने के नाते उन्हें राजनीति की समझबूझ भी है। इसके अलावा चुनाव प्रबंधन को भी उन्होंने अंबरीष कुमार के साथ रहते हुए करीब से देखा है, जिसकी झलक उनकी कार्यशैली में भी नजर आती है। यूथ कोटे से टिकट होता है कि वरुण वालियान मुफीद उम्मीदवार होंगे, इसमें कोई दो राय नहीं है। हालांकि उनके सामने रानीपुर से कई बडे नेता भी दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि यूथ कोटे से बात आती है तो वरुण सब पर भारी रहेंगे।
वहीं ज्वालापुर सीट से यूथ कोटे से रेस में रवि बहादुर का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल बताते हैं कि रवि का ज्वालापुर सीट से सीधा कोई जुडाव नहीं है। रवि रानीपुर विधानसभा में रहते हैं और ज्वालापुर में उनकी सक्रियता अब ज्यादा नजर आ रही है। एक बडा सवाल रवि बहादुर के सामने ये है कि उनका अपना समाज उन्हें कितना समर्थन देगा। चूंकि नगर निगम चुनाव में ये देखने में आया था कि उनकी पत्नी को मुस्लिम बाहुल् क्षेत्र से तो कांग्रेस के नाम पर एक तरफा वोट मिले लेकिन वो अपने समाज वाले इलाके में पिछड गए। ज्वालापुर सीट में मुस्लिम वोट निर्णायक तो हैं लेकिन अपने समाज में भी पकड जरुरी है। दूसरा क्षेत्र का बहुत बडा असर भी पड सकता है, बतौर युवा राजनीति में रवि बहादुर उतना प्रभावी नजर नहीं आए हैं। हालांकि ये आने वाला समय बताएगा कि वो खुद को कैसे साबित करते हैं। वहीं उनके सामने एसपी सिंह जैसे दिग्गज नेता चुनाव की तैयारी कर रहे हैं जो क्षेत्र की जनता से लगातार जुडे रहे हैं। ऐसे में यूथ कोटे से टिकट देते हुए इन बातों का भी ध्यान रखा गया तो रवि बहादुर के लिए मुकिश्ल खडी हो सकती है।