चंद्रशेखर जोशी/विकास कुमार।
मुस्लिम फंड में पैसा जमा करने वालों का सारा पैसा मिल जाएगा। क्या करोडों लेकर फरार होने वाला अब्दुल रज्जाक भी बच जाएगा, क्या वो भी किट्टी घोटाला करने वाले पूर्व भाजपा नेत्रियों की तरह जमानत पाकर गरीबों की जमापूंजी पर ऐश करेगा या फिर अपने साथियों के नाम खोलेगा जिनके साथ उसने प्रोपर्टी का धंधा किया। और क्या काले धन को ठिकाने लगाने वाले शहर के रईसों पर भी कोई आंच आएगी। ये वो सवाल है जिनके बारे में हरिद्वार खासतौर पर ज्वालापुर के हजारों लोग सोते—जागते, खाते—पीते सोच रहे हैं। इन सवालों के बारे में हमने एक्सपर्ट से राय ली और जानना चाहा कि क्या पैसा वापस मिल पाएगा।
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सवाल: क्या खाताधारकों का पैसा वापस मिल जाए।
जवाब: सीनियर टैक्स अधिवक्ता नंद किशोर काला ने बताया कि सोसायटी बनाकर सालों से चल रहा मुस्लिम फंड गैरकानूनी तरीके से वित्तीय लेनदेन कर रहा था, जो कानून की नजर में पूरी तरह गलत है। हालांकि 2020 में निधि कंपनी की स्थापना की लेकिन निधि कंपनी नियमों के अनुसार चला रहे हों ऐसा अब तक प्रतीत नहीं हो रहा है। क्योंकि निधि कंपनी में एक सीमा तक ही पैसा जमा किया जा सकता है, यहां तो हजारों खातों में करोडों रुपए का खेल है। खैर सही हो या गलत निधि कंपनी भाग जाने पर भी सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है। क्योंकि इसके नियम व शर्ते अलग तरह की होती है। सोसायटी बनाकर वित्तीय लेनदेन और निधि फंड दोनों ही स्थितियों में खाताधारकों का पैसा डूब गया है। उनके पैसे वापस मिलने की कोई सूरत नहीं है। हालांकि दावा दोनों तरह के खाताधारक कर सकते हैं लेकिन ये एक लंबी प्रक्रिया है। लेकिन खाताधारक और दूसरे निवेशकों पर भी सवाल खडे होंगे कि आखिर आपने क्या सोचकर पैसा जमा करे।
वहीं सीए विपुल अग्रवाल ने बताया कि निधि कंपनी या सोसायटी के वित्तीय लेनदेन में कंपनी के डूब जाने या भाग जाने की स्थिति में खाताधारकों का पैसा भी डूब जाएगा। इनके मिलने की कोई उम्मीद लगाना भूस के ढेर में तिनका खोजने जैसा होगा।
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क्या अब्दुल रज्जाक बच जाएगा
अब्दुल रज्जाक के खिलाफ ज्वालापुर थाने में धोखाधडी संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज है। अब्दुल रज्जाक ने करोडों का खेल किया है। इसमें ज्यादा संख्या में गरीब लोग है तो बहुत सारे ऐसे हैं जो काले धन को सफेद करने के लिए अब्दुल रज्जाक का सहारा लेते थे। वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि धोखाधडी से संबंधित धारा 420 में तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि चार्जशीट और फिर ट्रायल के दौर से गुजरना होगा। देर सवेर रज्जाक को जमानत मिल सकती है फिर मुकदमा चलता रहेगा। गौरतलब है कि हरिद्वार के किट्टी घोटाले में भी दोनों किट्टी संचालक जमानत पर बाहर है और उनका केस विचाराधीन है।
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कालेधन वालों का क्या होगा
कालेधन ठिकाने लगाने वाले रईसों का जब तक कुछ नहीं हेा सकता जब तक ईडी या अन्य कोई बडी संस्था मामले को टेकओवर नहीं करती। हालांकि पुलिस इस संबंध में आरबीआई और अन्य वित्तीय मामलों को देखने वाली एजेंसियों को रिपोर्ट भेजने की बात कर रही है। फिलहाल, अधिकतर बडे खाताधारक अपना पैसा होने की बात कबूलने से बचते नजर आ रहे हैं। लेकिन पुलिस सबकी कुंडली बना रही है। देर सवेर ये सब कब्जे में आएंगे।
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गिरफ्तार रज्जाक खोलेगा कई अहम राज
वहीं पुलिस अब्दुल रज्जाक को जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जाएगी। अभी तक रज्जाक के खुद ठगे जाने की बात सामने आ रही है। लेकिन किन प्रोपर्टी में रज्जाक ने पैसा लगाया था और इस गौरखधंधे में कौन कौन शामिल था। इस बारे में रज्जाक ने मुंह खोला तो कई बडे और सम्मानित लोगों के चेहरों से नकाब उठ सकता है। इन्हें भी पुलिस पूछताछ के लिए बुला सकती है।