करण खुराना/विकास कुमार।
आखिरी दिनों में हरिद्वार ग्रामीण पर चुनाव बहुत ही कडा हो गया है। हरिद्वार के ग्रामीण के फेरुपुर पट्टी जिसमें जगजीतपुर के कुछ हिस्सों से लेकर भोगपुर और बिशनपुर तक के दर्जनों गांव शामिल हैं पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत की घुसपैठ के बाद लालढांग क्षेत्र निर्णायक भूमिका में आ गया है। वहीं लालढांग की महत्ता को देखते हुए भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद ने लालढांग में घेरा डाल दिया है। स्वामी ने अपनी पूरी ताकत लालढांग में झोंक दी है। वहीं अनुपमा रावत भी लालढांग में सेंधमारी कर रही है। शुक्रवार को वहां अनुपमा रावत के समर्थकों की कार को स्वामी के समर्थकों ने रोक लिया और उसमें पचास लाख रुपए ले जाने का आरोप लगाया। हालांकि कार में महज 70 हजार रुपए ही मिले। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लालढांग में एक एक वोट की लडाई कितने तनाव में लडी जा रही है।
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क्या अनुपमा रावत पर्वतीय समुदाय में सेंधमारी कर पाई
हालांकि अनुपमा रावत ने फेरुपुर पट्टी के ठाकुर,सैनी, कश्यप व अन्य समुदायों में पैठ बनाई है। वहीं दलित और मुस्लिमों वोट में भी बडी हिस्सेदारी में अनुपमा आ गई है। लेकिन निर्णायक भूमिका वाला पर्वतीय समुदाय अनुपमा को लेकर क्या रख रहा है ये चुनाव के परिणाम से पता लग पाएगा। लालढांग निवासी अमित नेगी ने बताया कि पर्वतीय समुदाय मुख्य रूप से भाजपा का वोट बैंक समझा जाता है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने भी इसमें सेंधमारी की है और अनुपमा रावत को लेकर पर्वतीय समुदाय का एक वर्ग साफ्ट है। जिसके चलते समझा जा रहा है कि पर्वतीय समुदाय में भी अनुपमा रावत ठीक स्थिति में रहेगी।
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स्वामी भाजपा के वोट बैंक के भरोसे, मुस्लिमों में भी की सेंधमारी
वहीं भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद भाजपा के परंपरागत वोट बैंक के सहारे हैं। हालांकि, अनुपमा रावत के आने के बाद ठाकुर, सैनी और कश्यप वोट बैंक में कुछ बिखराव देखने को मिल रहा है। वहीं स्वामी ने इससे निपटने के लिए मुस्लिम मतों में पैठ बनाने की रणनीति अपनाई जिसमें कुछ वन गुर्जर व कुछ अन्य जगहों से वोट स्वामी को मिल सकते हैं। कुल मिलाकर हरिद्वार ग्रामीण की लडाई कुछ भी हो सकता है वाले मोड पर आ गई है।
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