मॉनिटर लिजार्ड के अंगों के साथ तस्कर गिरफ्तार, मर्दाना कमजोरी की दवा व तेल बनाने में होता है प्रयोग

मॉनिटर लिजार्ड के अंगों के साथ तस्कर गिरफ्तार, मर्दाना कमजोरी की दवा व तेल बनाने में होता है प्रयोग

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मर्दाना कमजोरी: हरिद्वार वन प्रभाग की टीम ने दिल्ली से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर हरिद्वार के एक शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से मॉनिटर लिजार्ड जिसे आम भाषा में गोह छिपकली भी कहा जाता है के करीब 285 अंगों को भी बरामद किया गया है।

किवदंती है कि गोह के अंगों से बने तेल और दवा का सेवन करने से मर्दो की सेक्स पॉवर बढ़ जाती है। हालांकि इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाए हैं। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि हरिद्वार में कौन इन अंगों का प्रयोग करना चाहता था। इसकी जांच की जा रही है।

राजस्थान से किया गया है शिकार
वन विभाग को सूचना थी कि हरिद्वार में बड़े पैमाने पर मॉनीटर लिजार्ड के अंगों की तस्करी की जा रही है। वन विभाग की टीम ने नकली खरीदार बनकर तस्कर से संपर्क किया और उसे डील के लिए विष्णु घाट बुला लिया। तस्कर से डील पक्की करने के बाद तुरंत रेड मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी आफताब रामपुर यूपी का रहने वाला है। सवाल ये भी है कि आफताब हरिद्वार में किस जरुरतमंद को ये अंग बेचने वाला था।

सेक्स वर्धक दवाईयों में काम आती है मॉनीटर लिजार्ड
वहीं गोह का शिकार भारत सहित दक्षिण ​एशिया के कई देशों में होता है। भारत में ये सबसे ज्यादा राजस्थान में पाई जाती है। गोह के अंगों से मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवाएं और तेल बनाई जाती है। वहीं एशिया के कई देशों में गोह के मांस और लीवर को खाया जाता है, ताकि सेक्स पॉवर को बढाया जा सके। वहीं भारत में भी इन दिनों इसका प्रयोग ज्यादा होने लगा है। हालांकि इसके कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिले हैं।

मर्दाना कमजोरी

मॉनिटर लिजार्ड के अंगों के साथ तस्कर गिरफ्तार, मर्दाना कमजोरी की दवा व तेल बनाने में होता है प्रयोग
मॉनिटर लिजार्ड के अंगों के साथ तस्कर गिरफ्तार, मर्दाना कमजोरी की दवा व तेल बनाने में होता है प्रयोग

हरिद्वार में किसे थी जरुरत
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर हरिद्वार में आफताब से वन्यजीव के अंगों को खरीदने वाला कौन है। वन विभाग इस बात का पता लगा रही है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार में भी पिछले कुछ समय में इस तरह की दवाईयां लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।

खासतौर पर नीम हकीम और सडक किनारे बैठे झोलाछापों के यहां कई अमीर घर के नौजवान पहुंचते हैं। माना जा रहा है कि मॉनीटर लिजार्ड का भी उनके लिए ही प्रयोग होना था। लेकिन इससे पहले वन विभाग ने तस्कर को धर दबोचा।

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