uttaranchal punjabi mahasabha press conference in haridwar

बंटवारे को याद कर नम हुई आंखें, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर किया जाएगा बुजुर्गों का सम्मान


विकास कुमार।
उत्तरांचल पंजाबी महासभा 14 अगस्त को उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर विभाजन में मारे गए लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देगी। साथ ही अविभाजित हिंदुस्तान में जन्में बुजुर्गों को विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से नवाजा जाएगा। इसके लिए आठ अगस्त तक उत्तराखण्ड में रहने वाले ऐसे बुजुर्ग आवेदन कर सकते हैं।
प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए महासभा के अध्यक्ष राजीव घई ने उत्तराखंड के विभाजन के बाद उत्तराखंड में बसे सभी परिवारों की तरफ़ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया जिन्होंने 1947 बँटवारे में बुज़ुर्गों को जिन्होंने त्याग एवं बलिदान को आज़ादी के ७५ वर्षों बाद १५ अगस्त 2021 को लाल क़िले से घोषणा करते हुए १४ अगस्त जिस दिन भारत विभाजित हुआ को“ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की। उन्होंने अवगत किया की इस वर्ष 14 अगस्त 2022 को प्रथम “ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” पर हमारी संस्था उत्तरांचल पंजाबी महासभा रूद्रपुर में प्रदेश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में कार्यक्रम कर रही है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृश्य उपस्थिति Visual presence के रूप में रहने की पूर्ण सम्भावना है। उन्होंने अवगत किया की इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये शिव अरोरा विधायक रूद्रपुर को इस कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया है।
महामंत्री सुनील अरोरा ने बताया की इस कार्यक्रम में बँटवारे के समय क़त्लेआम में शाहिद हुए दस लाख से अधिक सच्चे देशभक्त हमारे बुजुर्ग जिन्होंने हिन्दू व हिंदुस्तानी रहने के लिये अपनी क़ुर्बानी दी। उन बुजुर्गो में से बहुतो को अंतिम चिता में अग्नि भी नसीब ना हो सकी। ऐसे बुजुर्गो की आत्मशांति के लिये इस कार्यक्रम में किये जा रहे हवन में आहुति दे कर व उनकी आत्मा की शांति के लिये अरदास करते हुए हम सब उनके वारिस उन्हें श्रद्धांजलि प्रेषित करेंगे।
जगदीश पाहवा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने अवगत किया की 1947 मज़हबी बँटवारे में हमारे करोड़ों बुजुर्ग अपना अपना सब कुछ छोड़ कर देश के कोने कोने अपने तीन कपड़े में शरणार्थी कहलाते हुए बसे। देशप्रेम की भावनाओं के साथ मेहनत एवं मशक्कत करके आज हर क्षेत्र में अपनी ऊँची पहचान बनाई है। श्री घई ने अवगत किया उत्तराखंड में भी हमारे बुजुर्गो ने आ कर विकास में अहम् भूमिका निभाई ओर आज हमें सिर ऊँचा रख कर भाईचारे के साथ प्रदेश व देश के लिये समर्पित रहने की शिक्षा दी। इस कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश में रह रहे सभी 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग जिनका जन्म अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था ऐसे प्रदेश के सभी बुजुर्गो को “ १९४७ विभाजन विभीषिका सेनानी” सम्मान से अलंकृत किया जायेगा। राजू ओबेरोय प्रभारी ज़िला हरिद्वार ने कहाँ की विभाजन में पीढ़ित बुजुर्गो के सभी वारिसों की ज़िम्मेदारी सभी अपने परिवार अपने गाँव, क़स्बे व शहर में रह रहे आदरणीय बुजुर्गो का विवरण अनुसार एकत्रित कर उत्तरांचल पंजाबी महासभा के किसी भी पदाधिकारी के माध्यम से दिनांक 8 अगस्त तक अवश्य भेजे।
अनिल खुराना ने कहाँ की बुजुर्गो को सम्मान देने वाले इस कार्यक्रम में सभी की सक्रिय सहयोग देकर अपने बुजुर्गो को हम सब की तरफ़ से सच्ची श्रद्धांजलि होगी व बुजुर्गो का सम्मान देने का अवसर मिलेगा।
अध्यक्ष घई ने कहाँ इस प्रथम दिवस पर आप अवश्य अपनी उपस्थिति दर्ज कर अपने बुजुर्गो को श्रधंजली एवं सम्मान देने के लिये प्रदेश स्तर पर हो रहे कार्यक्रम में अवश्य उपस्थित होने का प्रयास करे अगर सम्भव ना हो पाये तो अपने अपने शहरों में किसी भी मंदिर अथवा गुरुद्वारे में अरदास, श्रधांजलि का कार्यक्रम का आयोजन कर अपने बुजुर्गो की लम्बी व स्वस्थ उम्र के लिये अरदास एवं प्रार्थना करके इस ऐतिहासिक दिवस की नई परम्परा की नीव अवश्य डाले व राष्ट्र द्वारा दिये गये इस सम्मान का देश को व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को आभार दे कर गर्व महसूस करे। ज़िला अध्यक्ष हरिद्वार महिला विंग श्रीमती कामनी सड़ाना ने महिलाओं के द्वारा हरिद्वार क्षेत्र के समस्त बुज़ुर्ग जो अविभाजित भारत में जन्मे थे का डेटा तैय्यार कराने में सहयोग देगी। प्रमोद पांदी ज़िला अध्यक्ष , युवा सचिन अरोरा व प्रवीण गाबा ने अपनी अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए कार्यक्रम को सफल व लोगों में जागरुकता पेंदा करने के पूर्ण प्रयास करेंगे।

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