उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव: पार्टियों ने नेताओं को कहा आस्तीनें चढ़ा लो, सिस्टम ने भी कसी कमर, कब हो सकता है ऐलान

उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव: पार्टियों ने नेताओं को कहा आस्तीनें चढ़ा लो, सिस्टम ने भी कसी कमर, कब हो सकता है ऐलान


उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसी भी समय चुनाव में जाने को तैयार रहने के आदेश जारी कर दिए हैं। संगठन स्तर पर इस दिशा में मीटिंग भी हो चुकी है। वहीं सिस्टम ने भी कमर कस ली है। सभी जिलों में प्रशासन चुनाव की तैयारियों को अमली जामा पहनाने में लगा है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अनुसार चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है।

भाजपा ने हाई लेवल मीटिंग की
भाजपा ने संगठन स्तर पर राज्य स्तरीय मीटिंग की है। इसमें मंडल स्तर के पदाधिकारियों से भी राय मश​विरा कर चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार रहने के लिए कहा गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विकास तिवारी ने बताया कि संगठन स्तर से हमें साफ कहा गया है कि चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार रहना है। हालांकि भाजपा हर वक्त पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार रहती है। लेकिन आला पदाधिकारियों की ओर से संकेत मिलने के बाद सभी को सक्रिय कर दिया गया है।

उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव

उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव: पार्टियों ने नेताओं को कहा आस्तीनें चढ़ा लो, सिस्टम ने भी कसी कमर, कब हो सकता है ऐलान
उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव: पार्टियों ने नेताओं को कहा आस्तीनें चढ़ा लो, सिस्टम ने भी कसी कमर, कब हो सकता है ऐलान

कांग्रसे ने शुरु की बैठकें
वहीं कांग्रेस ने भी चुनाव की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरु कर दिया है। निकाय स्तर पर वार्डों में संगठन में जान फूंकने के लिए बैठकें की जा रही है।​ जिलों के प्रभारी लगातार दावेदारों से मिल रहे हैं। हरिद्वार के महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग ने बताया कि हालांकि हमें लगता है कि सरकार चुनाव को फिर से टालने का प्रयास करेगी। कांग्रेस लगातार दबाव बना रही है कि जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए। हमारी तैयारी पूरी है और पूरे प्रदेश में इस बार फिर कांग्रेस अपना परचम लहराएगी।

कब हो सकता है कि तारीखों का ऐलान
राजनीतिक दलों की तैयारी और सिस्टम के अचानक से सक्रिय होने से माना जा रहा है कि जल्द ही चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अभी भी चुनाव का ऐलान टल सकता है। क्योंकि अभी तक आरक्षण तय नहीं हुआ है। इसके अलावा कई दूसरी अडचनें भी है। ज्यादा से ज्यादा जनवरी तक का समय लग जाएगा और उत्तराखण्ड में मौसम के हालात को देखते हुए इतना आसान चुनाव कराना नहीं होगा। ऐसे में चुनाव आगे भी खिसक सकता है।

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