Property in Haridwar हरिद्वार के विकास के लिए जल्द ही तीन बड़ी परियोजनाएं अमल में लाई जाने हैं। इन पर कई हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं इससे स्थानीय व्यापार भी बढ़ेगा जबकि बड़े स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। हालांक इन योजनाओं का स्थानीय व्यापारी विरोध कर रहे हैं। लेकिन, सरकार इन पर आगे बढ़ चुकी है।
क्या है ये तीन योजनाएं
इन तीन प्रमुख परियोजनाओं में हरिद्वार—ऋषिकेश कोरीडोर योजना मुख्य है। इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सर्वे भी हो चुका है। वहीं हरिद्वार से लेकर देहरादून तक बैठकों का दौर जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद इस मसले पर नगर विधायक मदन कौशिक के साथ बैठक कर चुके हैं। इस परियोजना पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। Property in Haridwar
वहीं दूसरी बड़ी परियोजना है पोड कार टैक्सी परियोजना। इस योजना पर करीब 1600 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। ज्वालापुर से लेकर भूपतवाला और रानीपुर मोड से लेकर जगजीतपुर तक पोड टैक्सी कार बनाई जानी है। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है और सरकार को सिर्फ स्थानीय व्यापारियों और संस्थाओं से आम सहमति बनानी है। चूंकि इस परियोजना का भी स्थानीय व्यापारी विरोध कर रहे हैं और हाल ही में शासन की ओर से जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र लिखा गया था कि आवश्यक रूप से पोड कार में सहमति बनाई जाए।
वहीं तीसरी प्रमुख योजना है रोडीबेलवाला से गंगा नदी के उपर से होते हुए चंडी देवी मंदिर तक रोपवे। इसका भी पूरा प्रोजेक्ट तैयार है और इस पर भी जल्द काम शुरु हो सकता है। कुछ संस्थाएं इसका विरोध कर रही है।
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सीएम धामी बोले जल्द होगा काम शुरु
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरिद्वार में इन तीनों परियोजनाओं का जिक्र किया और कहा कि इन पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने ये भी कहा कि हाल ही में देहरादून में इस संबंध में मीटिंग भी हुई थी जिसमें नगर विधायक मदन कौशिक भी मौजूद रहे थे। Property in Haridwar
व्यापारी कर रहे हैं विरोध
वहीं व्यापारी पोड टैक्सी कार और कोरीडोर का विरोध कर रहे हैं। व्यापारी नेता संजीव नैयर ने कहा कि व्यापारियों का विस्थापन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहले सरकार पूरी योजना स्थानीय व्यापारियों और अन्य स्टेक होल्डर्स से शेयर करें। उसके बाद ही व्यापारी अपनी सहमति देंगे। उन्होंने कहा कि पोड कार का हम पहले ही विरोध कर चुके हैं। उस पर सहमति की कोई गुंजाइश नहीं है जहां तक सवाल है कोरीडोर का तो अधिकारी पहले हमें पूरा प्रोजेक्ट बताएं। व्यापारी हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।