एमएस नवाज।
स्वास्थ्य विभाग के कहने के बावजूद हरिद्वार के निजी अस्पतालों ने अलग से फ्लू क्लीनिक नहीं खोले। अधिकतर अस्पतालों में फ्लू क्लीनिक नहीं खुले थे। वहीं दूसरी ओर निजी चिकित्सकों ने मास्क और प्रोटेक्शन सूट की डिमांड स्वास्थ्य विभाग से की है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी से कहा गया है कि फ्लू क्लीनिक खोले जाएं और ऐसे समय में निजी अस्पतालों को आगे आकर सरकारी सेवाओं का स्वास्थ्य देना चाहिए।
गौरतलब है कि सीएमओ हरिद्वार की ओर से भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक हरिद्वार के सभी निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पत्र लिखकर ये कहा था कि अपने अपने अस्तपलों में फ्लू क्लीनिक खोले लें और इन क्लीनिक में मरीजों का मुफ्त ओपीडी शुरू करें। साथ ही ये भी कहा गया था कि कोरोना जैसे लक्षण जिसमें पाय जाते हो उन्हें सीधे मेला या रूडकी सिविल अस्तपाल में बने आइसोलेशन वार्उ में भेजना सुनिश्चित करें।
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स्वास्थ्य विभाग का इसके पीछे तर्क ये था कि निजी अस्तपलों में फ्लू क्लीनिक खुलने से संदिग्ध मरीजों की तालाश जल्दी से हो सकेगी और जल्द ही उन्हें आइसोलेट किया जा सकेगा। लेकिन निजी अस्तपाल प्रबंधकों को स्वास्थ्य विभाग के आदेश या आग्रह की कोई चिंता नहीं है।
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क्या कहते हैं निजी चिकित्सक
आईएमए के पूर्व जिला प्रभारी डा. जसप्रीत सिंह ने कहा कि हम स्वास्थ्य विभाग का हर संभव साथ देने के लिए तैयार हैं और हमारे चिकित्सक दे भी रहे हैं। जहां तक फ्लू क्लीनिक खोलने की बात है तो उसके लिए हम तैयार हैं लेकिन सेफ्टी उपकरण और प्रोटेक्शन ऐपरन गाइडलाइन के अनुसार उपलब्ध भी कराए जाने चाहिए। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से आग्रह भी किया गया है। क्योंकि डॉक्टर सेफ रहेंगे तभी कोरोना को सही तरह से लडा जा सकता है। वहीं सीएमओ डा. सरोज नैथानी ने कहा कि निजी चिकित्सकों को इस समय साथ आना चाहिए। जहां तक प्रोटेक्शन उपकरणों का सवाल है अधिकतर निजी अस्पतालों के पास होते हैं। उनहें जल्द से जल्द फ्लू क्लीनिक खोलने चाहिए।