अतहर अंसारी।
हरिद्वार के ज्वालापुर में चल रहे मुस्लिम फंड काले धन को सफेद करने का भी बडे पैमाने पर काम करते थे। सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम फंड संचालक अब्दुल रज्जाक ने हजारों फर्जी खाते बनाए हुए थे जिसके जरिए प्रोपर्टी डीलरों, बदमाशों, नेताओं और भ्रष्टाचारियों का काला धन सफेद होता था। पिछले पच्चीस सालों से ये खेल चला आ रहा था। हालांकि दो साल पहले मुस्लिम इमदादी सोसायटी को कबीर निधि फंड में परिवर्तित कर दिया गया था, जो खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद बचने के लिए की गई कार्रवाई थी। अब पुलिस इन सभी खातों की जांच कर रही है। वहीं खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है। वहीं कांग्रेसी नेताओं के बाद अब एक कांग्रेसी पार्षद का नाम भी मुस्लिम फंड के मामले में सामने आ रहा है। muslim fund black money scam congress leader on radar
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फर्जी खातों से कैसे होता था काला धन सफेद
असल में कबीर निधि फंड दो साल पहले तक मुस्लिम इमदादी सोसायटी यानी मुस्लिम फंड के नाम से जाना जाता था। इसमें लोगों के पैसे जमा किए जाते थे और इनका कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता था। रिकार्ड से मतलब है कि खाता खोलने के लिए ना कोई पैन कार्ड की जरुरत थी और ना ही आधार कार्ड की बस नाम और फोटो से काम हो जाता था। इसी खेल में हजारों ऐसे खाते खोले गए जिनको पता ही नहीं था कि उनके खाते भी है। कई ऐसे भी थे जिन्होंने अपने खाते बंद किए लेकिन उनके पैसा जमा किया जाता रहा। इन फर्जी खातों में पैसा जमा करके ही काला धन सफेद किया जाता था। मुस्लिम फंडों के इस गैरकानूनी कामों की रिपोर्ट खुफिया विभाग ने कई बार की लेकिन कभी कार्रवाई नहीं हुई। बाद में जब दबाव पडा तो मुस्लिम फंड को कबीन निधि फंड में तब्दील कर दिया गया।
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कांग्रेसी नेताओं के बाद कांग्रेसी पार्षद भी घेरे में
मुस्लिम फंड उर्फ कबीर निधि फंड के अब्दुल रज्जाक के कई कांग्रेसी नेताओं, प्रोपर्टी डीलरों और गैरकानूनी काम करने वाले लोगों से संबंध थे। हालांकि इन सभी इने अब्दुल रज्जाक की कमियों का खूब फायदा भी उठाया और मुस्लिम फंड के पैसे थे प्रोपर्टी डीलिंग कर मोटी संपत्ति जोडी। यही नहीं अपना कालाधन भी खूब सफेद किया।
वहीं अब्दुल रज्जाक के मुस्लिम फंड के बाद अब दूसरा मुस्लिम फंड जो अब्दुल रज्जाक से अलग होकर ही बनाया गया था भी सवालों के घेरे में है। मोहल्ला हज्जाबान में चलने वाले इस मुस्लिम फंड के संचालकों में कांग्रेसी पार्षद भी रहा है। वहीं कई दूसरे अमीर लोग भी इसके संचालन में है। पुलिस प्रशासन अभी सभी मुस्लिम फंडों की जांच कर रहा है जिसके बाद कांग्रेसी पार्षद से भी पूछताछ का दौर चल सकता है। सवाल ये भी है कि क्या मुस्लिम फंड के जरिए कांग्रेसी पार्षद या अन्य दूसरे रईसों से मोटी संपत्ति बनाई।